मुरादाबाद पुलिस विभाग में कागजों पर हो रहे ट्रांसफर, तबादले के बाद डेढ़ साल तक जमे रहे थानेदार
Transfer in Police Department छह जुलाई 2019 को एडीजी ने बरेली ने मझोला एसओ राकेश कुमार सिंह का किया था स्थानांतरण। अंडर ट्रांसफर होने के बाद भी करीब डेढ़ साल तक बने रहे थानाध्यक्ष आइजी के आदेश पर रिलीव हुए।
मुरादाबाद, जेएनएन। Transfer in Police Department। पुलिस विभाग में जनता की शिकायतों को दबाना आम बात है, लेकिन अब उच्च अधिकारियों के आदेश भी अधीनस्थ दबाकर बैठ जाते हैं। बीते 16 माह से अंडर ट्रांसफर मझोला कोतवाल राकेश कुमार सिंह को गुरुवार को रिलीव कर दिया गया। आइजी के निर्देश पर उन्हें थाने से रिलीव किया गया। अंडर ट्रांसफर होने के बाद भी वह करीब डेढ़ साल से कोतवाली और मझोला थाने में डटे हुए थे।
एडीजी जोन अविनाश चंद ने छह जुलाई 2019 को मुरादाबाद जनपद में तैनात कोतवाल राकेश कुमार सिंह का स्थानांतरण बरेली कर दिया था। लेकिन, एडीजी के आदेश के बावजूद वह अज्ञात कारणों के चलते मुरादाबाद से रिलीव नहीं हुए। इस दौरान कोरोना महामारी के कारण भी स्थानांतरण को लेकर राज्य सरकार ने रोक लगा रखी थी। इसके बाद एडीजी के इस आदेश पर अफसरों ने बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया। बीते एक नवंबर को एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मझोला कोतवाल का स्थानांतरण पुलिस लाइन कर दिया था। इस आदेश के बाद भी वह पुलिस लाइन में आमद दर्ज कराने नहीं पहुंचे। गुरुवार को जब आइजी मुरादाबाद रेंज से उच्च अधिकारियों ने जानकारी मांगी तो उन्होंने पत्र के आधार पर उनके रिलीव होने की जानकारी भेज दी। लेकिन, जब मामले की जानकारी आरआइ पुलिस लाइन से की गई तो चला वह थाने से रिलीव नहीं हुए। मामले की जानकारी होने पर आइजी ने तत्काल एसएसपी से बात करके उन्हें उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार रिलीव करने के लिए कहा। इसके बाद महज 30 मिनट में मझोला कोतवाल बरेली जनपद के लिए रिलीव हो गए। हालांकि, मझोला थाने में किसी नए कोतवाल की तैनाती नहीं की गई है। लेकिन इस नए घटनाक्रम ने अधिकारियों की किरकिरी जरूर करा दी है।