24 दिन में तीन बार बदला ट्रैफिक प्लान, फिर भी हर तरफ जाम
पीतलनगरी को जाम से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से ट्रैफिक पुलिस का जो महत्वाकांक्षी प्लान मुरादाबाद में चौबीस दिन पहले लागू हुआ। वह कामयाब होता दिखाई नहीं दे रहा है।
मुरादाबाद (जेएनएन) : पीतलनगरी को जाम से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से ट्रैफिक पुलिस का जो महत्वाकांक्षी प्लान मुरादाबाद में चौबीस दिन पहले लागू हुआ। वह कामयाब होता दिखाई नहीं दे रहा है। जगह-जगह जाम लगा हुआ है। आटो व ई-रिक्शा चालकों की मनमानी व योजना पर अमल में पुलिस की प्रतिबद्धता का अभाव एक्शन प्लान के दिशाहीन होने का कारण बनी। यही वजह है कि चार जोन चार रंग योजना कागज में तो सफल, लेकिन सड़क पर विफल रही। जाम से जूझती शहर की सड़कें इसकी पुष्टि करती हैं। ट्रैफिक पुलिस 24 दिन में तीन बार फेरबदल कर चुकी है पर जनता को जाम से मुक्ति नहीं मिली।
चार जोन योजना फेल
जाम से निजात दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने चार जोन चार रंग योजना बनाई। एक नवंबर को पंचायत भवन में योजना पर प्रकाश डालते हुए ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि योजना लागू होते ही मुरादाबाद से जाम रफूचक्कर हो जाएगा। इसके तहत शहर को चार जोन में बांटा गया। ई-रिक्शा, आटो हरे, पीले, लाल व नीले रंग में रंगे गए। वाहनों पर जोन नंबर चस्पा हुआ। जद्दोजहद के बाद योजना 26 नवंबर को लागू की गई। इसके तीसरे ही दिन यानि कि 29 नवंबर को आटो चालक ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ उतरे। नियमों में ढील भी दी गई। योजना लागू होने के चौबीस दिन बाद भी हालात बदले नहीं। जाम के हालात जस के तस हैं। बात चाहे पीली कोठी चौराहे की हो या फिर फब्बारा तिराहे की। रेलवे स्टेशन से लेकर हनुमान मूर्ति तिराहे के बीच का इलाका हो या फिर गुरहट्टी चौराहा। कांठ रोड पर पीएसी तिराहा हो या फिर दिल्ली रोड स्थित लोकोशेड पुल। इसके अलावा सम्भल ओवर ब्रिज या फिर शहर कोतवाली, मुगलपुरा, नागफनी, गलशहीद थाना क्षेत्र की सड़कें जाम से जूझ रही हैं।
कार्रवाई का दावा फिर भी मनमानी
मुरादाबाद शहर के चार जोन में जिस आटो व ई रिक्शा को चलने की अनुमति ट्रैफिक पुलिस ने दी है, उसकी कुल तादाद लगभग चार हजार है। इसमें 1300 आटो व शेष ई रिक्शा हैं। ट्रैफिक इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह राठौर के मुताबिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में अब तक करीब पांच सौ वाहनों का चालान काटा गया है।
यात्रियों को देने पड़ रहे अधिक रुपये चार जोन चार रंग योजना का असर सड़क पर भले न दिख रहा हो, लेकिन यात्रियों की जेब पर ई रिक्शा व आटो चालकों की मनमानी भारी पड़ रही है। राहगीर वाहन चालकों पर अवैध वसूली का आरोप मढ़ रहे हैं।
ये बोले अधिकारी
एसपी ट्रैफिक सतीश चंद्र ने कहा कि व्यवस्था की सफलता में वक्त लगेगा। नया ट्रैफिक प्लान साठ प्रतिशत उम्मीदों के अनुरूप रहा। सभी चार जोन में दो सौ से अधिक आटो अभी भी चिन्हित होने शेष हैं। इन्हें कलर्ड व नंबर देना शेष है। धीरे धीरे व्यवस्था पूरी तरह से सुधर जाएगी।
तय होगा न्यूनतम किराया
ट्रैफिक एसपी सतीश चंद्र ने बताया कि वाहन चालकों द्वारा यात्रियों से धनउगाही का मामला प्रकाश में आया है। इस पर पुलिस की नजर है। किराया तय करने के लिए प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया है। जल्द ही दर तय करके आम लोगों को वास्तविक किराये की जानकारी दी जाएगी।