आखिरी वक्त तक बचे पेपर होने की चाह में थे टॉपर्स
कोरोना संकट के चलते विद्यार्थियों के कुछ पेपर नहीं हो पाए थे।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना संकट के चलते विद्यार्थियों के कुछ पेपर नहीं हो पाए थे। अधर में फंसी परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों को पूरी उम्मीद थी कि पेपर जरूर होंगे, इसके लिए अंतिम वक्त तक वह तैयारी में जुटे रहे, लेकिन टॉप थ्री विषयों के असेसमेंट के आधार पर शेष विषयों की परीक्षाओं के नंबर तय हुए। अब जब रिजल्ट आया तब टॉपरों में परीक्षा न होने की टीस दिखी।
टॉपर्स कहते हैं कि हम परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार थे। असेसमेंट के आधार पर हमें नंबर जरूर मिले, लेकिन अपनी तैयारी के आधार पर हम इस बात को लेकर पूरी तरह से आज भी आश्वस्त हैं कि यदि परीक्षा होती तो आज और बेहतर परिणाम होता। किसी ने सौ में 98 नंबर पाए तो उसे सौ की उम्मीद थी तो किसी के यदि सौ में 90 से कम आए तो उन्हें 90 प्लस नंबरों की उम्मीद थी।
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इन्सेट :::
इन विषयों की नहीं हुई थीं परीक्षाएं
-विश्वव्यापी कोरोना संकट के चलते कॉमर्स वर्ग में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का पेपर नहीं हो सका था। विज्ञान वर्ग में जिन्होंने होम साइंस और कंप्यूटर ले रखा था, उनके ये दोनों पेपर नहीं हो पाए थे। ऐसे में अच्छे नंबर पाने के बाद भी टॉपर्स में यह टीस है कि यदि पेपर होते तो हम और बेहतर होते।
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मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना संकट के चलते विद्यार्थियों के कुछ पेपर नहीं हो पाए थे। अधर में फंसी परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों को पूरी उम्मीद थी कि पेपर जरूर होंगे, इसके लिए अंतिम वक्त तक वह तैयारी में जुटे रहे, लेकिन टॉप थ्री विषयों के असेसमेंट के आधार पर शेष विषयों की परीक्षाओं के नंबर तय हुए। अब जब रिजल्ट आया तब टॉपरों में परीक्षा न होने की टीस दिखी।
टॉपर्स कहते हैं कि हम परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार थे। असेसमेंट के आधार पर हमें नंबर जरूर मिले, लेकिन अपनी तैयारी के आधार पर हम इस बात को लेकर पूरी तरह से आज भी आश्वस्त हैं कि यदि परीक्षा होती तो आज और बेहतर परिणाम होता। किसी ने सौ में 98 नंबर पाए तो उसे सौ की उम्मीद थी तो किसी के यदि सौ में 90 से कम आए तो उन्हें 90 प्लस नंबरों की उम्मीद थी।
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इन विषयों की नहीं हुई थीं परीक्षाएं
-विश्वव्यापी कोरोना संकट के चलते कॉमर्स वर्ग में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का पेपर नहीं हो सका था। विज्ञान वर्ग में जिन्होंने होम साइंस और कंप्यूटर ले रखा था, उनके ये दोनों पेपर नहीं हो पाए थे। ऐसे में अच्छे नंबर पाने के बाद भी टॉपर्स में यह टीस है कि यदि पेपर होते तो हम और बेहतर होते।