दस्तकारों की गलियों में गूंजने लगी टन-टन की आवाज
लॉकडाउन के 68वें दिन पीतल-बस्ती की गलियों में रौनक लौटी। दिन निकलते ही कारीगर काम पर जुट गए।
मुरादाबाद: लॉकडाउन के 68वें दिन पीतल-बस्ती की गलियों में रौनक लौटी। दिन निकलते ही कारीगरों, हस्तशिल्प कारोबारियों और मजदूरों ने अपना काम शुरू कर दिया। कारीगरों की भट्ठियों में मेटल की ढलाई शुरू हो गई। बर्तन, पूजा के सामान और मेटल के उत्पादों पर मजदूरों के हुनर का रंग चढ़ने लगा।
सोमवार से प्रशासन द्वारा दी गई छूट को लेकर कारीगरों ने सेहत की शर्त को लेकर सजगता दिखाई। मास्क, सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी को लेकर प्रशासन को मजदूरों के संगठन ने भरोसा दिया है। सुबह से ही हास्तशिल्पी अपने-अपने कार्य स्थल और छोटे कारखानों में काम पर डट गए। जो पीतल कारोबार के साथ-साथ देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है।
हस्तशिल्प संगठनों के प्रतिनिधियों ने हस्तशिल्प क्षेत्र में पहुंचकर कारीगरों को सचेत किया। हस्तशिल्पी संगठनों के प्रतिनिधियों, राज्य सरकार व केंद्र सरकार की मंशा है कि कारोबार को पुनर्जीवित किया जाए, जिसके लिए हस्तशिल्पी अपने कार्य में जुट जाएं।
अखिल भारतीय हस्तशिप बोर्ड वस्त्र मंत्रालय के सदस्य आजम अंसारी ने कहा कि मुरादाबाद का हस्तशिल्प कारोबार शुरू होने से लाखों हस्तशिल्पियों का भला होगा। काम शुरू होने से पीतल कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और हस्तशिल्पी एक दूसरे की मदद कर सकते हैं। संगठन की ओर से मुदस्सिर इस्लाम, फहीम मंसूरी, जहीर आलम, माहिर खा,मनोज शर्मा ने हस्तशिल्पियों को कोरोना वायरस के संक्रमण के सवाल पर उन्हें जागरूक किया।
मुरादाबाद: लॉकडाउन के 68वें दिन पीतल-बस्ती की गलियों में रौनक लौटी। दिन निकलते ही कारीगरों, हस्तशिल्प कारोबारियों और मजदूरों ने अपना काम शुरू कर दिया। कारीगरों की भट्ठियों में मेटल की ढलाई शुरू हो गई। बर्तन, पूजा के सामान और मेटल के उत्पादों पर मजदूरों के हुनर का रंग चढ़ने लगा।