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तिवारी जी ने खींचा था मुरादाबाद के विकास का खाका

मुरादाबाद : पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायन दत्त तिवारी को मुरादाबाद से विशेष लगाव था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 04:45 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 04:45 PM (IST)
तिवारी जी ने खींचा था मुरादाबाद के विकास का खाका
तिवारी जी ने खींचा था मुरादाबाद के विकास का खाका

मुरादाबाद : पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायन दत्त तिवारी का मुरादाबाद से विशेष लगाव था। स्व. तिवारी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार में वित्त मंत्री और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल जैसे पदों पर रहे थे। अपने जीवन में वह करीब 60 बार मुरादाबाद आए। उन्होंने कई शादी समारोह और स्कूल के कार्यक्रमों में शिरकत की थी। 1975 में प्रथमा बैंक के उद्घाटन के दौरान उन्होंने विजय गुप्ता के आवास पर रात में विश्राम भी किया था। गांव सक्टूनगला से उनका विशेष लगाव रहा। उन्हें विकास पुरुष के नाम से भी पहचाना जाता था। 2015 में वह अंतिम बार मुरादाबाद आए थे। सक्टूनगला बना यादगार

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स्व. तिवारी 1971 में अपने मित्र स्व. रियासत हुसैन की बेटी की शादी में गांव सक्टूनगला गए थे। रास्ता कच्चा होने के कारण उनकी कार कीचड़ में फंस गई थी। दो घंटे की मशक्कत के बाद ट्रैक्टर से खिंचवाकर कार को निकलवाया गया था। उस दौर में तिवारी सूबे के वित्तमंत्री थे। इस दौरान ही उन्होंने गोविंदपुर से सक्टूनगला तक सड़क निर्माण कराने का आश्वासन दिया था। जिसे एक महीने बाद ही अमलीजामा पहना दिया गया था। विकास कार्य

स्व. तिवारी विकास कार्यो में विशेष रुचि रखते थे। उनके प्रयास से ही जनपद में अनेक परियोजनाएं पूरी हुई। नलकूप, नहर, सड़क, पुल व स्कूलों के निर्माण में उनका विशेष योगदान रहा। दलपतपुर दुग्ध संघ, सोनकपुर स्टेडियम, यूपी राज्य ब्रास वेयर कारपोरेशन, मुरादाबाद कमिश्नरी, पुलिस अस्पताल, गांधी नगर पब्लिक स्कूल, विवेकानंद अस्पताल, दलपतपुर-काशीपुर मार्ग, मूंढापांडे- रनियाठेर मार्ग उनकी प्रेरणा से ही हुआ। स्व. तिवारी राजकला कन्या इंटर कालेज व आरएन इंटर कालेज के चीफ पेट्रर्न भी थे। शोक की लहर

नारायन दत्त तिवारी के निधन पर शोक की लहर दौड़ गई है। सियासतदानों का कहना है कि देश ने एक महान नेता को खो दिया। उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी। पूर्व विधायक सौलत अली, विजय गुप्ता, लक्ष्मण प्रसाद खन्ना, असद मौलाई, असलम खुर्शीद, अजय सोनी, जिला अध्यक्ष डा. एपी सिंह ने उनके निधन पर शोक जताया है। चन्दौसी को घोषित किया था तहसील

चन्दौसी : उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का चन्दौसी हमेशा ऋणी रहेगा। मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने यहां जनसभा को संबोधित करते हुए चन्दौसी को तहसील घोषित किया था। सन 1988 की बात है। उस समय नारायण दत्त तिवारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन थे। चन्दौसी मुरादाबाद जिले का एक कस्बा था जो बिलारी तहसील में आता था। चन्दौसी को तहसील का दर्जा दिलाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने भरसक प्रयास किया था। उस समय विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए थे। चुनाव से पहले वह चन्दौसी को तहसील बनाना चाहते थे। चन्दौसी के एसएम कालेज के मैदान में जनसभा आयोजित की गई थी। जनसभा को संबोधित करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने चन्दौसी को तहसील घोषित किया था। शुरुआत में फव्वारा चौक पर तहसील मुख्यालय स्थापित किया गया था। इसके बाद असालतपुर जारई रोड पर तहसील का शानदार भवन निर्माण किया गया। कालेज में जनसभा को किया था संबोधित

नगर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवीन चौधरी ने बताया कि उस समय उनके पिता स्व. कुंवरसेन चौधरी नगर के प्रमुख कांग्रेस नेताओं में गिने जाते थे। पिता के साथ उन्होंने उस समय राजनीति में कदम रखा था। जब नारायण दत्त तिवारी ने एसएम कालेज में जनसभा को संबोधित करते हुए चन्दौसी को तहसील घोषित का एलान किया था तब वह पिता के साथ जनसभा में गए थे। श्री तिवारी की यादें आज भी उनके जहन में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर कांग्रेसियों ने मनाया शोक

सम्भल: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के निधन पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में प्रदेश महासचिव अमित उठवाल ने कहा कि नारायणदत्त तिवारी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। तिवारी कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के विकास में अहम भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि नारायणदत्त दिवारी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने दिल्ली स्थित मैक्स हॉस्पिटल में 93 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। शोक सभा में अशरफ अंसारी, शानू खान, अख्तर, अंसार, रेहान यूसुफ, सादिक अंसारी, दिनेश कुमार, महेश कुमार, सुनील यादव, मोहम्मद अली, डॉ. सलाउद्दीन सैफी आदि मौजूद रहे।


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