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मुरादाबाद में तीमारदार बाेले- साहब, आक्सीजन सिलिंडर हम लाए हैं बस इलाज आप दे दो

मरीज को बड़े अस्पताल में बेड मिलना तो मुश्किल है। जिला अस्पताल में बेड नहीं है। ऐसे में रोगियों को भर्ती करने बजाय लौटाया जा रहा है। एक महिला के तीमारदार आक्सीजन सिलिंडर साथ लेकर पहुंचे थे। इमरजेंसी में डॉक्टर से बोले साहब सिलिंडर हम लेकर आए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 05:30 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 05:30 PM (IST)
मुरादाबाद में तीमारदार बाेले- साहब, आक्सीजन सिलिंडर हम लाए हैं बस इलाज आप दे दो
मुरादाबाद में तीमारदार बाेले- साहब, आक्सीजन सिलिंडर हम लाए हैं बस इलाज आप दे दो

मुरादाबाद, जेएनएन। मरीज को बड़े अस्पताल में बेड मिलना तो मुश्किल है। जिला अस्पताल में बेड नहीं है। ऐसे में रोगियों को भर्ती करने बजाय लौटाया जा रहा है। एक महिला के तीमारदार आक्सीजन सिलिंडर साथ लेकर पहुंचे थे। इमरजेंसी में डॉक्टर से बोले, साहब सिलिंडर हम लेकर आए हैं। बस आप इलाज दे दो। इतना सुनने के बाद उन्हें इलाज तो शुरू कर दिया गया लेकिन, हालत में सुधार नहीं होने पर रेफर कर दिया गया।

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मझोला जयंतीपुर की रहने वाली 30 वर्षीय रूपा शर्मा को रात 12 बजे जिला अस्पताल में लाया गया। उस समय उनकी सेचुरेशन डाउन थी। परिवार के लोग सिलिंडर साथ लेकर पहुंचे थे। पहले से ही चार मरीज स्ट्रेचर पर लेटे थे। चिकित्सक ने परीक्षण करने के बाद इलाज शुरू कर दिया। परिवार के लोग सिलिंडर लेकर अस्पताल पहुंचे थे। स्टाफ ने मरीज को आक्सीजन लगा दिया।

दोपहर तक कोई सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल ने उन्हें रेफर कर दिया। महिला की आक्सीजन 85 पर पहुंच गई। हालात बिलकुल ऐसे ही नजर आए। मरीजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। निजी अस्पतालों में बेड का संकट हो रहा है। इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है। -

सीएम के दौरे का डर, खाली कराई इमरजेंसी

कंसलटेंसी में स्ट्रेचर शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुरादाबाद दौरा होने की वजह से तमाम व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर दी गई। आलम ये हो गया कि इमरजेंसी कंसलटेंसी में स्ट्रेचर पर भर्ती मरीजों को वार्डों में शिफ्ट किया। छह मरीज भर्ती थे। उनमें से चार को शिफ्ट किया और दो को रेफर का पर्चा थमा दिया।

इसके साथ ही व्यवस्थाएं पूरी तरह चाक चौबंद कर दी गई। जिससे अगर अस्पताल इमरजेंसी का निरीक्षण हो भी जाए तो कोई खामी नजर नहीं आए। इमरजेंसी कंसलटेंसी वार्ड के बाहर और सीवियर एक्यूट रेस्पीरेट्री इंफेक्शन (सारे वार्ड) के बाहर भी पुलिस कर्मी तैनात रहे। इसके साथ ही इमरजेंसी गेट पर भी पुलिस कर्मियों को अलर्ट मोड पर कर रखा था कि तीमारदार एक से ज्यादा अंदर नहीं जाएं। एक दिन पहले ही सारी वार्ड में तोड़फोड़ हो चुकी है।

मरीजों को गंभीर हालत में लाया जा रहा है। सारी वार्ड, इमरजेंसी वार्ड, इमरजेंसी कक्ष में स्ट्रेचर तक मरीजों को लिटाकर इलाज दिया जा रहा है। मरीजों की संख्या अधिक है। जिन मरीजों की हालत कुछ ठीक थी। उन्हें छुट्टी दी गई। कुछ मरीजों को वार्डों में शिफ्ट किया गया। डॉ. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल---- 


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