लंबी दूरी की ट्रेनों में मिलेगा छोटे स्टेशनों का भी टिकट Moradabad news
प्रतिबंधित ट्रेनों में भी नजदीक के स्टेशन तक शीघ्र यात्री सफर कर पाएंगे। इसके लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है।
प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद। प्रतिबंधित ट्रेनों में भी नजदीक के स्टेशन तक शीघ्र यात्री सफर कर पाएंगे। इसके लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। इस व्यवस्था से रेलवे की आय बढ़ेगी और यात्रियों को सुविधा भी मिलेगा।
रेलवे ने देश भर के कुछ मेल एवं सुपर फास्ट ट्रेनों में यात्रा करने की दूरी तय कर रखी है। कुछ ट्रेनों में तीन सौ किलो मीटर तो कुछ ट्रेनों में पांच सौ किलो मीटर न्यूतनम दूरी तय करना आवश्यक है। यानी इसके कम दूरी के स्टेशन का टिकट नहीं मिलता है और न ही यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। तीन सौ या पांच सौ किलो मीटर के बीच ये ट्रेनें दो से पांच स्टेशनों पर रुकती हैं।
उदाहरण के लिए हावड़ा से अमृतसर जाने वाली पंजाब मेल में मुरादाबाद से ब्यास स्टेशन तक का टिकट मिलता है। जबकि पंजाब मेल प्रमुख शहर सहारनपुर, अंबाला, लुधियाना, जालंधर समेत आठ स्टेशनों पर रुकती है। इस ट्रेन में लुधियाना व जालंधर जैसे व्यवसायिक शहर का भी टिकट नहीं मिलने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह नई दिल्ली से राजगीर जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस में नई दिल्ली से मुरादाबाद व बरेली का टिकट नहीं मिलता है। इस व्यवस्था से कम दूरी तक जाने वाले यात्री इन ट्रेनों में सफर नहीं कर पाते हैं। सीट खाली होने के बाद भी आरक्षण टिकट जारी नहीं किया जाता है। जिससे रेलवे को आर्थिक नुकसान होता है। एमएसटी धारक भी ऐसी ट्रेनों में सफर नहीं कर पाते हैं। पंजाब मेल व श्रमजीवी एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनें देश भर में चलती हैं।
रेल प्रशासन राजधानी एक्सप्रेस को छोड़कर अन्य ट्रेनों में प्रतिबंधित दूरी तक टिकट जारी करन के सिस्टम को हटाने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि यह व्यवस्था अक्टूबर से लागू हो जाएगी। उसके बाद कम दूरी वाले यात्री भी ऐसी ट्रेनों में सफर पाएंगे और खाली बर्थ पर भी टिकट जारी हो सकेगी।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि रेलवे आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत मेल व सुपरफास्ट ट्रेनों में दूरी का प्रतिबंध समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है।