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तीन टीम करेंगी 1941 खातों में आए पैसों की जांच

जनधन समेत अन्य खातों में 27 मार्च को अचानक ही 10 700 और 9 300 रुपये आए थे। मैसेज दिखाकर जब लोग रकम निकालने पहुंचे तब बैंक समेत प्रशासन के अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 01:11 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 03:30 PM (IST)
तीन टीम करेंगी 1941 खातों में आए पैसों की जांच
तीन टीम करेंगी 1941 खातों में आए पैसों की जांच

मुरादाबाद, जेएनएन। 1941 खातों में आए पैसों की जांच अब रामपुर की तीन टीम करेंगी। इन्हें दो दिन में अपनी रिपोर्ट अल्पसंख्यक विभाग को सौंपना है। इसके बाद अल्पसंख्यक विभाग अपने स्तर से जांच शुरू करेगा। उधर, बैंक स्तर से मामले की पूरी जांच कर अल्पसंख्यक आयोग को सौंप दी गई है। लीड बैंक प्रबंधक सतीश कुमार गुप्ता का कहना है कि सभी खातों की केवाईसी पूरी है और लेनेदेन में किसी तरह की गलती बैंक स्तर पर नहीं हुई है। 

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जांच करके अपनी रिपोर्ट देंगे

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मुरादाबाद की ओर से 1741 खातों की जांच करके रामपुर को खातों का विवरण सौंप दिया गया है। जांच में सामने आया है कि 1391 खाते ऐसे हैं जिनमें डेटा रामपुर से भेजा गया था, इन खातों में अलग-अलग मदों में धनराशि आयी है। रामपुर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने जांच के बाद मुरादाबाद से सटे इलाकों सैदनगर, शाहबाद और स्वार में जांच के लिए तीन टीम बनाई हैं। हर टीम में तीन सदस्य हैं, जो खातों में आए पैसे की पूरी जांच करके अपनी रिपोर्ट देंगे। टीम में एक जिला स्तरीय अधिकारी, एक खंड विकास अधिकारी और एक खंड शिक्षा अधिकारी हैं।

बिजनेस करस्पोंडेंट की भूमिका पर बैंक ने झाड़ा पल्ला

भले ही बैंक की ओर से बिजनेस करस्पोंडेंट की भूमिका को क्लीन चिट दे दी गई हो, लेकिन अल्पसंख्यक आयोग अपने स्तर पर इसकी जांच करेगा। निरीक्षक मोमिन हसन का कहना है कि बिना बिजनेस करस्पोंडेंट के मिलीभगत के इतने ज्यादा खातों की जानकारी रामपुर नहीं जा सकती।

क्या है मामला

जनधन समेत अन्य खातों में 27 मार्च को अचानक ही 10, 700 और 9, 300 रुपये आए थे। मैसेज दिखाकर जब लोग रकम निकालने पहुंचे तब बैंक समेत प्रशासन के अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई। जांच की गई तो पता चला कि यह पैसा मुंबई की एसबीआइ शाखा से केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के खाते से आया है। विभाग ने यह तो स्वीकार किया कि पैसा उनके खाते का है लेकिन इसके लिए उन्होंने डिमांड नहीं भेजी थी। इसके बाद से मामला संदिग्ध हो गया और संबंधित सभी खातों से लेनदेन पर रोक लगा दी गई।


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