जौहर यूनिवर्सिटी के लिए आजम खां को चंदा देने वाले भी जांच के दायरे में, हो सकती है कार्रवाई
Donation to Johar University आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी को साढ़े सात हजार लोगों ने चंदा दिया है। इसनकी सूची प्राप्त करने के साथ अहम साक्ष्य जुटाए गए हैं। यह ईडी को भी उपलब्ध करा दी गई है।
रामपुर (मुस्लेमीन)। Donation to Johar University। सपा सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी को चंदा देने वाले भी अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के शिकंजे में हैं। इनकी भी जांच हो रही है। ईडी पता लगा रही है कि इनकी इतनी हैसियत है या नहीं, जितना उन्होंने चंदा दिया है। जांच में दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। इससे चंदा देने वालों की धड़कने तेज हो गई हैं।
मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट है। वह इसके संस्थापक होने के साथ ही कुलाधिपति भी हैं। इस यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर शुरू से ही विवाद है। पिछले साल जुलाई में उनके खिलाफ जमीनें कब्जाने के 30 मुकदमें दर्ज हुए थे। प्रशासन ने उन्हें भूमाफिया घोषित कर दिया। तब ईडी ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। अब जांच पड़ताल कर रही है। सपा शासनकाल में जौहर यूनिवर्सिटी में आलीशान इमारतें बनवाई गईं। उन्होंने यह काम चंदे के पैसे से किया है। अब इस चंदे की भी जांच चल रही है। ईडी पता लगा रही है कि यह चंदा किसने दिया है। यह काला धन तो नहीं है। दरअसल चंदा देने वालों में कई ऐसे लोग भी बताए जा रहे हैं,जिनकी हैसियत इतनी नहीं है, जितना उन्होंने चंदा दिया है। इस संबंध में भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक आकाश सक्सेना ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से शिकायत की थी। उनका कहना है कि कई लोगों ने पांच लाख रुपये से ज्यादा चंदा दिया है, जबकि उनकी इतनी हैसियत नहीं है। उन्होंने कभी आयकर रिटर्न भी दाखिल नहीं किया है। विदेशों से भी यूनिवर्सिटी के लिए पैसा आया है। यूनिवर्सिटी को साढ़े सात हजार लोगों ने चंदा दिया है। उन्होंने इन सबकी सूची प्राप्त करने के साथ ही और भी अहम साक्ष्य जुटाए हैं। ईडी को भी उपलब्ध कराए हैं। ईडी अब इन साक्ष्यों की जांच पड़ताल कर रही है। यह भी पता लगा रही है कि विदेशी पैसा लेने में नियमों का पालन किया गया है या नहीं।
आयकर में भी फसेंगे
ईडी अपनी जांच में यह पता लगाएगी कि चंदा देने वालों ने हकीकत में चंदा दिया है या नहीं। अगर किसी ने चेक से पैसा दिया है तो उसकी यह भी जांच की जाएगी कि उनकी माली हैसियत कितनी है। आयकर देते हैं या नहीं। अगर वे जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।