पीटीसी के गेट पर हेड कांस्टेबल दे रहा था पहरा, चोरों ने खंगाला घर
जिले में पुलिस भी चोरों के निशाने पर है। हेड कांस्टेल के घर में चोरी कर पुलिस को चुनौती दी।
मुरादाबाद : जिले में पुलिस भी चोरों के निशाने पर है। एक तरफ सिलसिलेवार डकैती की घटनाओं का पर्दाफाश करने का दावा किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ चोरी की एक ऐसी घटना हुई, जिसने चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की कलई खोल दी। ये है पूरा मामला मुरादाबाद के छजलैट थानाक्षेत्र के मूल निवासी जसपाल पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (पीटीसी) में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। उनके दो बच्चे परदेश में हैं। पीटीसी परिसर में ही आवास है। सिविल लाइन पुलिस को दी गई तहरीर में अवगत कराया गया कि शनिवार को दिन में उनकी ड्यूटी पीटीसी के मुख्य द्वार पर थी। सरकारी आवास के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर वह ड्यूटी कर रहे थे। शाम के वक्त ड्यूटी खत्म होते ही वह कमरे पर पहुंचे। दरवाजा खुला मिला। यह देख हेड कांस्टेबल के होश उड़ गए। छानबीन में पता चला कि उन्होंने सोने चांदी के जो जेवर अलमारी में रखे थे, वह गायब हैं। कमरे में रोशनदान को देख पुलिसकर्मी को समझते देर नहीं लगी कि मुख्य दरवाजा रोशनदान के जरिए ही खोला गया है। बहरहाल दिनदहाड़े चोरी की घटना ने पुलिस कर्मी को भी हिला कर रख दिया। तहरीर के आधार पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर लिया। पीड़ित हेड कांस्टेबल के मुताबिक चोरी की वारदात दोपहर बाद तीन से पांच बजे के बीच हुई। चोरी हुए जेवरात में हाथ के कंगन, सोने की चेन व अन्य आभूषण शामिल हैं। इस बावत थाना प्रभारी सिविल लाइन सुधीर पाल धामा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू हो गई है। बाहर पहरा, भीतर चोरी पीटीसी परिसर की रखवाली कर रहे जसपाल को यह शायद ही यकीन हो कि जिस जगह की वह रखवाली कर रहा है। उसमें पहले से ही चोर घुसा हुआ है। इतना ही नहीं चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद चोर सकुशल फरार भी हो गया। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में चोरी की घटना ने खाकी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा किया है। हालांकि पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में चोरी की यह पहली घटना नहीं है। 24 अगस्त को चोरों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी से एसी व टीवी चुरा लिया। गुरुकुल में चोरी की घटना सिविल लाइन पुलिस के लिए आज भी पहेली बनी हुई है। खुद के घर में हुई चोरी का पर्दाफाश करना जब पुलिस के लिए नामुमकिन सा हो गया हो, तब सामान्य लोगों की वेदना को आसानी से समझा जा सकता है।