Misbehaving with girls : विवेचना से लेकर पैरवी तक में खामियां, बढ़ रहा दरिंदों का हौसला Moradabad News
नए कानून के तहत बच्चों को बुरी नीयत से छू लेने को भी गंभीर अपराध माना जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आ रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। सरकार दङ्क्षरदगी करने वालों को सजा दिलाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। पुलिस में बच्चों और महिलाओं के साथ यौन अपराध करने वालों को सजा दिलाने के लिए पैरवी सेल भी बने हैैं। लेकिन, सिस्टम की लापरवाही की वजह से दुष्कर्म के आरोपितों के हौसले बुलंद हो रहे हैैं। विवेचना से लेकर इन मामलों की पैरवी तक तमाम खामियां हैैं। यही वजह से समय से यौन उत्पीडऩ की शिकार महिलाओं और बच्चियों को समय से इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। दिल्ली के निर्भया कांड के बाद सरकार ने बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाए।
इंसाफ का इंतजार कर रहीं 1065 दुष्कर्म पीडि़त
पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद मुरादाबाद मंडल में पॉक्सो एक्ट के 1065 मामलों में इंसाफ नहीं मिल पाया। कुछ गवाहों को पुलिस बुलाने में नाकाम रही। मुरादाबाद में 19 मामले छूटे हैैं। इनमें से कई मामलों में पीडि़ताओं ने समझौता कर लिया। वह गवाही के दौरान एफआइआर का समर्थन ही नहीं कर रही हैैं। आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो सिर्फ 6.19 फीसद लोगों को ही पुलिस अभी तक सजा दिला पाई है। 2017 में सात, 2018 में 10 और 2019 में अब तक 50 लोगों को सजा हो चुकी है।
महज 66 मुकदमे की पैरवी मजबूती से किए जाने पर हुई सजा
मुरादाबाद मंडल में पांचों जिलों में तीन साल में पॉक्सो एक्ट के 1,131 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से महज 66 मुकदमे की पैरवी मजबूती से किए जाने पर सजा मिल पाई। कुल 1065 पीडि़त व उनके परिजन अभी भी इंसाफ की राह ताक रहे हैं। बात यदि मुकदमे के सापेक्ष न्याय व इंसाफ की करें तो यह आंकड़ा महज 6.19 फीसद बैठता है। पीडि़ताओं को इंसाफ दिलाने के लिए सिस्टम मेें और अधिक सुधार की जरूरत है। मुल्जिमों को लाभ पहुंचाने के लिए जो गवाह समय से कोर्ट नहीं पहुंच रहे उन्हें बुलाने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके बाद ही पीडि़ताओं को इंसाफ समय से मिल पाएगा।
पांच साल में नहीं हो सकी 23 लोगों की गवाही
मूढ़ापांडे की छह साल की बच्ची से 2014 में दुष्कर्म हुआ। आरोपित के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। पांच साल हो गए। अभी तक 23 में से 14 लोगों की गवाही हो चुकी है। इसमें विवेचक की भी गवाही होनी है। बाकी गवाहों को कोर्ट बार-बार बुला रहा है। लेकिन, अभी तक वे नहीं आए हैैं। इसी धीमी गति से गवाही देने वाले आते रहे तो पीडि़ता को इंसाफ मिलने में एक साल और लग जाएगा।
दो साल बाद भी नही मिला इंसाफ
महिला थाने में एक युवती ने दो साल पहले प्रेमी के खिलाफ मुकदमा लिखाया। उसका आरोप था कि शादी का झांसा देकर आरोपित ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान वह गर्भवती हो गई। मुकदमें में चार्जशीट लगने के बाद मामला दो साल से कोर्ट में चल रहा है। पुलिस अभी तक इस मुकदमे के सभी गवाहों को बुलाने में सफल नहीं हो पाई है। हालांकि युवती के बयान हो चुके हैैं। लेकिन उसे इंसाफ अभी तक नहीं मिला है।
हर साल बढ़ रहे हैैं दुष्कर्म के मामले
जिला 2017 2018 2019
मुरादाबाद 127 121 128
रामपुर 61 45 71
बिजनौर 45 113 114
अमरोहा 28 35 35
सम्भल 57 79 72
कुल 318 393 420