बिलारी टोल प्लाजा में पकड़ी गई स्टांप चोरी, जानिए क्या है पूरा मामला Moradabad News
सात लाख 83 हजार रुपये की स्टांप शुल्क की मिली कमी। एनएचएआई और आरके जैन इंफ्रा के बीच केवल सौ रुपये के स्टांप पेपर में हुआ अनुबंध।
मुरादाबाद, जेएनएन। मुरादाबाद-बरेली एक्सप्रेस-वे में 25 करोड़ रुपये की स्टांप कमी पकड़े जाने के बाद टोल प्लाजा में स्टांप कमी का मामला पकड़ा गया है। बीते वर्ष बनकर तैयार हुए अलीगढ़-मुरादाबाद हाईवे में बिलारी तहसील के मुहम्मदपुर-इब्राहीमपुर टोल प्लाजा का शुभारंभ हुआ था लेकिन, इस टोल प्लाजा में स्टांप कमी का मामला प्रशासनिक अधिकारियों ने पकड़ा है। जिसमें सात लाख 83 हजार रुपये की स्टांप कमी पर वाद दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं। एआइटी स्टांप एवं निबंधन मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों टोल प्लाजा की कंपनी का अनुबंध सौ रुपये के स्टांप पेपर में नियम विरुद्ध किया गया था। अलीगढ़-मुरादाबाद हाईवे पर बने टोल प्लाजा का अनुबंध आरके जैन इंफ्रा कंपनी ने एनएचएआई के साथ नौ जुलाई 2019 को किया था। जिसके बाद यहां पर टोल प्लाजा का संचालन शुरू कर दिया गया था। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बिलारी टोल प्लाजा पर प्रथम तिमाही में सात लाख 83 हजार रुपये की स्टांप की कमी मिली है,जबकि अभी दूसरी तिमाही की पर कार्रवाई जारी कर दी है।
एनएचएआई ने भी स्टांप कमी पर खोला मोर्चा
स्टांप कमी की कार्रवाई से बौखलाए एनएचएआई के अफसरों ने भी स्टांप एवं निबंधन विभाग के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एनएचएआई के अफसर इस कार्रवाई को केंद्र बनाम राज्य सरकार बनाने में जुटे हुए हैं। कार्रवाई होने के बाद चुप्पी तोड़ते हुए एनएचएआई के परियोजना निदेशक विनय बंसल ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि स्टांप विभाग की तरफ से जो कार्रवाई की गई है,वह पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। एनएचएआई को देश के सभी राज्यों में स्टांप ड्यूटी से छूट मिली हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उनके विभागीय अधिकारियों ने राज्य के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव से बात की है। हमें उम्मीद है कि जल्द इस मामले में उच्च स्तर पर दिशानिर्देश जारी होंगे।
तत्कालीन जिलाधिकारी ने बंद कराई थी वसूली
गौरतलब है कि पूर्व में भी जब एक दिन के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने टोल प्लाजा पर वसूली को बंद कराया था,उस समय भी शासन के उच्च अधिकारियों ने कार्रवाई को स्थगित करने का आदेश जारी किया था लेकिन, मौजूदा अधिकारी इस पर कितना विचार करेंगे यह आगे पता चलेगा।