नसबंदी के 20 महीने बाद महिला ने बेटी को दिया जन्म, पति ने उठाए सवाल, कहा-यह गलत है
नसबंदी के 20 महीने बाद महिला ने स्थानीय सीएचसी में एक पुत्री को जन्म दिया है। इस पर महिला के पति ने सरकारी सेवाओं पर सवाल खड़ा करते हुए इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने की चेतावनी दी है।
मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। अमरोहा के गजरौला में नसबंदी कराने के बाद भी महिला द्वारा बेटी को जन्म देने का मामला सामने आया है। महिला के पति ने इस मामले की उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की चेतावनी दी है। वहीं सरकारी सेवाओं पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
बता दें कि शासन द्वारा जनसंख्या नियोजन पर तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। महिला पुरुषों की नसबंदी भी हो रही हैं। जिसमें महिला को नसबंदी कराने पर दो हजार और पुरुष को तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में भी दिए जाते हैं। गांव रखेड़ा निवासी फतेह सिंह की पत्नी कौशल की 16 फरवरी 2020 को सरकारी अस्पताल में आयोजित शिविर में नसबंदी कराई गई थी। कौशल के पूर्व में चार बच्चे भी हैं। आरोप है कि नसबंदी होने के बाद भी कौशल को गर्भ ठहर गया। अब नसबंदी के 20 महीने बाद महिला ने स्थानीय सीएचसी में एक पुत्री को जन्म दिया है। इस पर महिला के पति ने सरकारी सेवाओं पर सवाल खड़ा करते हुए इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने की चेतावनी दी है। चिकित्सा अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और महिला का मुआवजा फार्म भी भरकर शासन के लिए भेज दिया गया है। जिसमें शासन द्वारा उसे मुआवजे के तौर पर 60 हजार की सहायता राशि दी जाती है। वहीं पति का कहना है कि पहले से ही उसके चार बच्चे हैं, उनकी परवरिश ही मुश्किल से हो पाती है, ऐसे में एक और बेटी का खर्च वह कैसे उठाएगा। उसका कहना है सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए प्रचार-प्रसार खूब किया जाता है लेकिन लोगों को उनका उचित लाभ नहीं मिल पाता है।
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