खासबाग में खड़े-खड़े कबाड़ बन गईं नवाबों की इम्पोर्टेड कारें Rampur news
आजादी से पहले रामपुर में नवाबों का जलवा कायम था। उनका अपना रेलवे स्टेशन और अपनी ट्रेन थी।
मुस्लेमीन,( रामपुर) : आजादी से पहले रामपुर में नवाबों का जलवा कायम था। उनका अपना रेलवे स्टेशन और अपनी ट्रेन थी। नवाब साहब सड़क का सफर करते तो आगे पीछे इम्पोर्टेड कारों का काफिला चलता लेकिन, नवाबी दौर खत्म होने के बाद नवाब खानदान में बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया। लंबे समय तक मुकदमेबाजी चलती रही। अदालती स्टे के कारण संपत्ति जहां की तहां पड़ी रहीं। इम्पोर्टेड कारें कोठी खास बाग में खड़े-खड़े कबाड़ बन गईं। इनमें एक दर्जन से ज्यादा कारें हैं, जिनका अब सिर्फ ढांचा ही बचा है।
अरबों की संपत्ति को लेकर चल रहा था मुकदमा
नवाब खानदान में अरबों रुपये की संपत्ति को लेकर 45 साल से मुकदमा चल रहा था। चार माह पहले सुप्रीम कोर्ट ने बंटवारे के आदेश दिए। इस्लामी शरीयत के हिसाब से बंटवारा कराने की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है। जिला जज ने संपत्ति के सर्वे और सत्यापन के लिए एडवोकेट कमिश्नर तैनात कर दिए हैं, जिन्होंने अपना काम शुरू कर दिया। एडवोकेट कमिश्नर अरुण कुमार ङ्क्षसह लगातार कोठी खासबाग की संपत्ति का सर्वे करने में लगे हैं। सर्वे के दौरान नवाबों की बेशकीमती संपत्ति बदहाल देखने को मिल रही है।
कबाड़ बन गईं हैं कारें
नवाब रामपुर की इम्पोर्टेड कारें कबाड़ बन गई हैं। इन कारों में तीन प्ले माउथ कारें, दो आस्ट्रिन कार, तीन बुलक कार, दो फिएट, एक अंबेस्डर कार, एक जीप बिल्लीस शामिल हैं। इनमें 1939 से लेकर 1966 मॉडल तक की कारें शामिल हैं। कोठी खासबाग में कारों के अलावा ट्रक भी खड़े हैं, जो कबाड़ बन चुके हैं। नवाबों के रेलवे स्टेशन की हालत भी बदहाल है। यहां खड़ी बोगी भी गल गई हैं।
सूची से सत्यापन
एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना का कहना है कि सभी संपत्ति का बंटवारा होना है। इसके लिए सूची में दर्ज संपत्ति का सत्यापन भी किया जा रहा है। जमीनों के अभिलेख भी चेक किए जा रहे हैं। इसके लिए लेखपालों से खासबाग की जमीन के नक्शे मांगे गए हैं। साथ ही अभिलेखों का भी मुआयना किया जा रहा है। नवाब खानदान की संपत्ति में 16 हिस्सेदार हैं।