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UP Board Result 2020 : खंडहर मकान में रहकर मजदूर की बेटी ने किया जिला टॉप, जानिए संघर्ष की कहानी

UP Board Result 2020 सरकार से उन्हें उम्मीद है कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान मिल जाएगा। बताया कि सरकार द्वारा उन्हें उज्जवल योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन दिया गया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 04:50 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 04:50 PM (IST)
UP Board Result 2020 : खंडहर मकान में रहकर मजदूर की बेटी ने किया जिला टॉप, जानिए संघर्ष की कहानी
UP Board Result 2020 : खंडहर मकान में रहकर मजदूर की बेटी ने किया जिला टॉप, जानिए संघर्ष की कहानी

रामपुर, जेएनएन। मंजिल उन्ही को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है। इन पंक्तियों के मतलब को सही में साकार कर दिया है इकरा बी ने। उसके पिता मजदूरी करते हैं। घर पर संसाधनों का अभाव है। फिर भी उसने इंटरमीडिएट की परीक्षा में जिला टाप कर दिया।

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जिला टापर इकरा बी बेहद गरीब परिवार से तआल्लुक रखती है। नगर से दो किलोमीटर दूर स्थित क्योरार गांव में निवास करती है। गांव से प्रतिदिन चार किलोमीटर दूर, धनेली उत्तरी स्थित कलावती कन्या इंटर कालेज में पढ़ने के लिए पैदल जाती थी। उनके पिता नासिर खान बदायूं स्थित उझानी कस्बे में रहकर मजदूरी करते हैं। वहां ट्रकों में भूसा लादने का काम करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। एक कमरे में मां जरीना बी, जुड़वा भाई शावेज और नावेद और बड़ी बहन करीना बी समेत परिवार के छह सदस्य रहते हैं। दोनों छोटे भाई कक्षा आठ में पढ़ते हैं। बड़ी बहन करीना भी बीए फाइनल कर रही है। मां जरीना बी गृहणी है और बच्चों की देखभाल करने के साथ-साथ पढ़ाई लिखाई में उनकी मदद करती है। शनिवार को परीक्षाफल घोषित होने पर जरीना बी ने बेटी को रिजल्ट देखने के लिए कस्बे में स्थित साइबर कैफे पर भेजा। दोपहर दो बजे पड़ोसियों ने बताया कि उनकी बेटी ने जिले में पहला स्थान पाया है। सुनकर उन्हें विश्वास नहीं हुआ। दरवाजे पर खड़ी होकर वह बेटी के घर आने का इंतजार करने लगी। जैसे ही इकरा बी दिखाई दी दौड़कर उसे गले लगा लिया। मीडिया से बात करते हुए जरीना बी ने बताया कि उनके घर के हालात बेहद खराब हैं। घर में टूटी-फूटी तीन चारपाइयां और नाम मात्र को भोजन पकाने के बर्तन है। मकान टूटा-फूटा और खस्ताहाल अवस्था में है। बारिश के दिनों में पूरे मकान की छत जहां-तहां से टपकती है। बारिश होने पर वह रात को सो नहीं पाते। हमेशा डर बना रहता है कि कहीं मकान छत समेत गिर न जाए। 

दो बीघा जमीन है वह भी रखी हुई है गिरवी, पापा करते हैं मजदूरी

बचपन से ही पढ़ने का शौक रहा है। हाई स्कूल के दौरान टॉप सूची में स्थान बनाने से एक अंक से चूक गई थी। जिसका बेहद मलाल रहा था। उस दिन ठान लिया था कि इंटर में टॉपर्स की लिस्ट में अवश्य जगह बनाऊंगी। माता-पिता और गुरुजनों की प्रेरणा से आज मैं ने वह मुकाम हासिल कर लिया। पिता के पास मात्र दो बीघा जमीन है। जिसे उन्होंने गिरवी रखा हुआ है। वह परिवार से बहुत दूर रह कर मजदूरी करते हैं। मेरी पढ़ाई न रुके, इसके लिए लोगों से कर्जा ले कर स्कूल की फीस जमा कराते थे। परिवार गरीबी से जूझ रहा है। इसलिए बीटेक करके परिवार की आर्थिक हालत को दुरुस्त करना चाहती हूं। मैंने शेड्यूल बना कर पढ़ाई की थी, जिसका फल मुङो मिल गया है।

इकरा बी, टॉपर इंटर मीडिएट।

सफाई कर्मी का बेटा विशेष भी टापर में शामिल

दढ़ियाल : केकेएमपी इंटर कालेज सरकथल के इंटरमीडिएट की परीक्षा में दूसरी रेंक पाने वाला छात्र ग्राम कुंडेसरी का विशेष कुमार है। उसने 416 अंक प्राप्त कर 83.20 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इनके पिता पप्पू सिंह अकबराबाद में सफाई कर्मी हैं। माता सूरजमुखी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। हाईस्कूल परीक्षा में भी जिले की सूची में स्थान पाया था। अब आगे चलकर वह सिविल सेवा में देश की सेवा करना चाहता है। इसी कालेज के छात्र सचिन गौतम गांव मुकुटपुर, टांडा निवासी है। इन्होंने 405 अंक प्राप्त कर जिले में नवां स्थान पाया है। इनके पिता अजब सिंह किसान हैं और पांच बीघा जमीन हैं। उधर कालेज उप प्रबंधक गोपाल सिंह चौहान, प्रधानाचार्य व समस्त स्टाफ भी होनहारों के लिए गदगद है। 


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