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मुरादाबाद में बड़े अस्‍पतालों के कर्मचारी ही कर रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, चार गिरफ्तार

जीवन को बचाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबिफ्लू टेबलेट लेने के लिए अफरातफरी मची हुई है। स्वजन को बचाने के लिए लोग मुंह मांगे दाम पर येे दवाएं खरीद रहे हैं। इसी बात का फायदा उठाकर कुछ लोग जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने में जुट गए थे।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 02:55 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 02:55 PM (IST)
मुरादाबाद में बड़े अस्‍पतालों के कर्मचारी ही कर रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, चार गिरफ्तार
पुलिस और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए अभियुक्त

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी में जीवन को बचाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबिफ्लू टेबलेट लेने के लिए अफरातफरी मची हुई है। स्वजन को बचाने के लिए लोग मुंह मांगे दाम पर येे दवाएं खरीद रहे हैं। इसी बात का फायदा उठाकर कुछ लोग जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने में जुट गए थे। एसएसपी के आदेश पर एएसपी सिविल लाइंस और एसओजी की टीम ने छापेमारी करके इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से दो रेमडेसिविर के इंजेक्शन, दो खाली इंजेक्शन, एक भरी हुई सिरिंज और फैबिफ्लू की 12 टेबलेट के साथ ही 62 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई। पुलिस के अनुसार पकड़े गए आराेपितों का एक साथी फरार है। पुलिस ने सभी चार आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

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एसएसपी अनिल कुमार यादव ने बताया कि दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए एसएसपी ने शिकायत और सूचनाओं को देने के लिए एक वाट्सएप नंबर जारी किया था। इसी नंबर में किसी ने रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबिफ्लू टेबलेट की कालाबाजारी की शिकायत की थी। शिकायत मिलने के बाद एसपी सिटी अमित कुमार आनंद, एएसपी अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में एसओजी टीम के साथ मझोला पुलिस को संयुक्त रूप से जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। संयुक्त टीम ने मझोला थाना क्षेत्र से कामरान निवासी कस्बा ऊमरी थाना कांठ, सद्दाम हुसैन निवासी कस्बा राजपुर थाना जसपुर जनपद ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड, पीयूष निवासी गंज बाजार नीम की प्याऊ थाना सदर कोतवाली और जीवन निवासी ग्राम ककरऊ थाना शहजाद नगर जनपद रामपुर को दिल्ली रोड में ब्राइट स्टार अस्पताल के सामने दबोच लिया गया। एएसपी ने बताया कि कामरान ब्राइट स्टार अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के पद पर काम करता है। जरूरत पड़ने पर वह कॉसमास में नर्सिंग स्टाफ के पद पर कार्यरत सद्दाम हुसैन से रेमडेसिविर इंजेक्शन व दवाएं लेता है। इसके बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन को जरूरतमंद लोगों को बीस से 25 हजार रुपये में बेच देता था। उधर, पीयूष भी ब्राइट स्टार अस्पताल में ही प्रोमोटिंग एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत है। कॉसमास अस्पताल में कार्यरत जीवन से रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबिफ्लू की टेबलेट खरीदकर जरूरतमंद लोगों को महंगे दामों में बेचता था। इस काम में उसकी मदद रिक्की ठाकुर भी करता था। कॉसमास अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के पद पर कार्यरत सद्दाम हुसैन ने कबूल किया कि वह अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबिफ्लू की टेबलेट चुराकर कामरान को बेचता था। एएसपी ने बताया कि चौथा आरोप‍ित जीवन टीएमयू में नर्सिंग स्टाफ के पद पर काम करता था। वह वहां से रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबिफ्लू की टेबलेट चुराकर पीयूष को बेचता था। इनका पांचवां साथी रिक्की ठाकुर बिलारी में नई सड़क पर रहता है। रिक्की ठाकुर ब्राइट स्टार अस्पताल में मार्केटिंग एग्जक्यूटिव का काम करता है। रिक्की का फिलहाल ब्राइट स्टार अस्पताल में ही उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि कामरान और सद्दाम मिलकर अस्पतालों से जीवन रक्षक दवाएं चोरी करते थे। जबकि, पीयूष और जीवन अस्पतालों के बाहर घूमकर ग्राहकों की तलाश करते थे। जैसे ही ग्राहक फंसता था ये लोग मोटे दाम वसूलकर जरूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबिफ्लू की टेबलेट बेचते। उन्होंने बताया कि इस गोरखधंधे में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही कुछ और लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

चारों आरोप‍ितों को जेल

चारों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। इस पूरे मामले की रिपोर्ट जिला प्रशासन ने शासन को भेजी गई है। क्योंकि हाल ही में शासन ने निर्देश दिए थे कि कोरोना पीडि़तों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाई, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर शक गहरा हो रहा है। कड़ी निगरानी के बावजूद अस्पताल के कर्मचारी ही अस्पताल के बाहर इन जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी कर रहे थे। पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी इस मामले की जांच चल रही है। जल्द अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। सद्दाम और कामरान निकले कोरोना संक्रमित आरोपितों को पकड़ने के बाद पुलिस ने उनका कोरोना टेस्ट कराया। इसमें सद्दाम और कामरान कोरोना संक्रमित निकले, इनको जेल भेजने से पहले आइसोलेशन में रखा जाएगा।


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