फर्जी जमानतियों ने कराई नशे के धंधेबाज की रिहाई, बनाई थी थाने की फर्जी मुहर
भगतपुर थाने की फर्जी मुहर बनाकर जमानतियों की तस्दीक करने का आरोप जांच शुरू आराेपित से होगी पूछताछ जमानत कराने वाले अधिवक्ता से भी जानकारी करेगी।
मुरादाबाद। थाना कुंदरकी के जलालपुर गांव के एनडीपीएस एक्ट( नशे का धंधा करने वाले) अभियुक्त बहारे आलम की फर्जी जमानतियों से जरिए रिहाई होने से पुलिस के आला अफसर भी हैरान हैं। यह पता लगाने का कोशिश की जा रही है कि इस गिरोह में कितने लोग शामिल हैं। कितनी रकम लेकर इस गिरोह के लोग अभियुक्तों को जमानत कराकर गायब हो जाते हैं। इनके असली पते क्या हैं।
थाना सिविल लाइंस पुलिस ने फर्जी जामीनदारों तक पहुंचने के लिए जाल बिछा दिया है। जमानत के बाद तस्दीक करने वाले पुलिस कर्मियों को भी पुलिस ने रडार पर ले लिया है। इस मामले में कई पुलिस कर्मी भी फंस सकते हैं। दो दिन पूर्व थानाध्यक्ष भगतपुर कोमल सिंह ने अभियुक्त बहारे आलम, निवासी जलालपुर, थाना कुंदरकी, शाहनवाज निवासी मुहल्ला गल्ला स्टोर, बिलारी के अलावा जामीनदार महरुल निशा, असलम, नवाबजान निवासी मानपुर के अलावा पैरोकार और अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आराेप है कि अपर जिला सत्र न्यायधीश कोर्ट नंबर-7 से बाहरे आलम की जमानत मंजूर हुई थी। महरुल निशा और असलम ने इसकी जमानत ली। इन लोगों ने एक लाख 50 हजार रुपये की जमानत के प्रपत्र दाखिल होने के बाद इसकी रिहाई हुई। इसी तरफ बिलारी से गैंगस्टर एक्ट में जेल गए अभियुक्त शाहनवाज जमानत नवाबजान और नबीजान ने ली थी। सभी जमानतियाें की सत्यापन रिपोर्ट आई थी। जमानत पर छूटने के बाद उसने बिलारी में लूट की घटना को अंजाम दिया। जमानत की तस्दीक करने के लिए थाने की फर्जी मुहर बना ली गई थी। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि जामीदार के फर्जी तरीके से रिहाई कराने का मामला गंभीर है। यह कोई गिरोह काम कर रहा है। जमानत की तस्दीक करने में पुलिस की भूमिका भी देखा जा रही है। इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।