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Thakurdwara Double Murder Case : संदिग्धों का पाॅॅलीग्राफ टेस्ट कराने से कोर्ट ने किया इन्‍कार, कात‍िल तक पहुंचने को पुलिस खोजेगी नया रास्‍ता

Thakurdwara Double Murder Case कोर्ट के रुख से ठाकुरद्वारा पुलिस की उम्मीदों पर पानी फ‍िर गया है। कातिलों तक पहुंचने के लिए पुलिस को अब अपना पैंतरा बदलना होगा। ठाकुरद्वारा के प्रशांत वर्मा व उनकी पत्नी मोना वर्मा को बेरहमी से मौत के घाट उतार द‍िया गया था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 03:34 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 03:34 PM (IST)
Thakurdwara Double Murder Case : संदिग्धों का पाॅॅलीग्राफ टेस्ट कराने से कोर्ट ने किया इन्‍कार, कात‍िल तक पहुंचने को पुलिस खोजेगी नया रास्‍ता
ठाकुरद्वारा डबल मर्डर अब पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है।

मुरादाबाद, जेएनएन। पॉलीग्राफ़ टेस्ट की मदद से डबल मर्डर के गुनहगारों को बेनकाब करने के ठाकुरद्वारा पुलिस के मंसूबे पर पानी फिर गया है। पुलिस की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने संदिग्धों का पाॅॅलीग्राफ टेस्ट कराने से इन्कार कर दिया है। ऐसे में असल कातिलों तक पहुंचने के लिए ठाकुरद्वारा पुलिस को अब नए रास्ते की तलाश करनी होगी।

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ठाकुरद्वारा डबल मर्डर अब पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है। 29 जून की रात ठाकुरद्वारा के पीपल डोला आर्य नगर के रहने वाले प्रशांत वर्मा व उनकी पत्नी मोना वर्मा को बेरहमी से मौत के घाट उतार द‍िया गया था। संतानहीन दंपती की हत्या घर के भीतर गला दबाकर और गला रेत कर की गई थी। वारदात के दौरान दंपती के अलावा घर में सिर्फ कातिल ही मौजूद था। सनसनीखेज वारदात का कोई चश्मदीद पुलिस को नहीं मिला। केबल नेटवर्क का काम करने वाले प्रशांत और उनकी पत्नी की हत्या के मामले में अज्ञात के खिलाफ अभियोग दर्ज कर पुलिस कातिलों की तलाश में जुटी। डबल मर्डर के सात माह बाद भी पुलिस कातिल तक नहीं पहुंच पाई। हालांकि इसकी कई वजहें भी रहीं। बहरहाल इस वक्त हालात यह है कि ठाकुरद्वारा पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच व एसओजी यूनिट तक कातिलों की तलाश करते-करते थक गई है। तेज तर्रार कहे जाने वाले पुलिस अफसर भी बैकफुट पर हैं। हालांकि जमीन की खरीद-फरोख्त को केंद्र में रखकर पुलिस कातिल को ढूंढ रही है। ऐसे में मृत दंपती के करीबियों पर पुलिस के शक की सूई बार बार घूम रही है। लेकिन पुलिस के पास ऐसा कोई साक्ष्य अथवा प्रमाण नहीं है, जिसके आधार पर वह संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सके। यही वजह भी रही कि पुलिस ने तीन संदिग्धों का पालीग्राफ टेस्ट कराने की योजना बनाई। चूंकि पालीग्राफ टेस्ट के लिए कोर्ट की अनुमति जरूरी है। इसलिए ठाकुरद्वारा पुलिस ने याचिका कोर्ट में दाखिल की। पुलिस की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने पालीग्राफ टेस्ट की अनुमति देने से इन्कार कर दिया।

कोर्ट ने संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने से इन्‍कार कर दिया है। पुलिस स्थानीय मुखबिरों की मदद से कातिलों की तलाश में जुटी है।

विद्या सागर मिश्र, एसपी ग्रामीण मुरादाबाद। 

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