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Rampur CRPF camp Terror Attack: आतंकी की खान बाबा के पीसीओ से पाकिस्तान होती थी बात Moradabad News

रामपुर रोड स्थित जीरो प्वाइंट पर था जंगबहादुर का पीसीओल दोषी शरीफ अक्सर उन्हीं के पीसीओ से करता था बात।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 07:05 AM (IST)
Rampur CRPF camp Terror Attack: आतंकी की खान बाबा के पीसीओ से पाकिस्तान होती थी बात Moradabad News
Rampur CRPF camp Terror Attack: आतंकी की खान बाबा के पीसीओ से पाकिस्तान होती थी बात Moradabad News

मुरादाबाद (मोहसिन पाशा)। रामपुर सीआरपीएफ कांड में आजीवन कारावास के दोषी जंगबहादुर खान उर्फ खान बाबा मूंढापांडे के गांव मिलक कामरू लक्ष्मीपुर कट्टïई का रहने वाला है। वह पीसीओ चलाता था। उसके पीसीओ से ही फांसी की सजा पाने वाले दोषी पाकिस्तान में अपने आकाओं से बात किया करते थे। उसके घर का इस्तेमाल असलहे रखने के लिए भी किया था। 

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मूलरूप से थाना ठाकुरद्वारा फनीनगर गांव के रहने वाले जंगबहादुर के पिता खान बहादुर की हत्या के बाद उसकी मां ने मिलक कामरू लक्ष्मीपुर कट्टïई गांव में महमूद से निकाह कर लिया था। उस समय जंगबहादुर की उम्र सात साल थी। वह मां के साथ ही रहने लगा। रामपुर हाईवे किनारे इस गांव में ही जीरो प्वाइंट पर पीसीओ चलाने लगा। शरीफ खान उर्फ सुहेल संपर्क में आने के बाद से जंगबहादुर के पास आने-जाने लगा। जंगबहादुर का पीसीओ होने की वजह से उन्हें पाकिस्तान बात करने में और आसानी हो गई। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला होने के बाद परतें खुलीं तो सारी हकीकत सामने आ गई। शरीफ की गिरफ्तारी और असलहे बरामद होने के बाद कॉल डिटेल ने जंग बहादुर के पाक आतंकियों से मिले होने की बात साबित कर दी। बारह साल बाद न्यायालय ने जंगबहादुर को उम्र कैद की सजा सुनाई है।  

खान बाबा की पत्नी की हालत बिगड़ी

जंगबहादुर की पत्नी बानो की हालत बिगड़ गई। पकड़े जाने के समय खान बाबा दूध का काम करने के साथ पीसीओ भी चलाता था। 2007 दिसंबर में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमले के बाद जंगबहादुर की गिरफ्तारी हुई तो किसी को उनकी हरकत पर यकीन नहीं हो रहा था लेकिन, जंग बहादुर के घर में आतंकियों के हथियार रखे जाने की बात सामने आई तो लोग हैरान रह गए। 

15 दिन पहले हुई थी बेटे से मुलाकात

दोषी जंगबहादुर खान के बेटे शेर अली खान ने बताया कि पंद्रह दिन पहले ही उनकी पिता से बरेली सेंट्रल जेल में मुलाकात हुई थी। कह रहे थे इंशा अल्ला फैसला अपने हक में होगा। रिहाई की पूरी उम्मीद थी। बेटे के मुताबिक उनके पिता का पीसीओ था। उस पर तमाम लोग देश-विदेश में बात करने आते थे। आतंकियों से भी किसी ने बात की होगी, उन्हें मालूम नहीं था। उन्हें उम्रकैद की सजा होने के बाद परिवार में मातम का माहौल है। वह रामपुर की अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।  


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