मुरादाबाद में थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से टेंशन, गलत तापमान पर चढ़ा एक अधिकारी का पारा
Thermal screening machine कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकारी कार्यालयों में भी काफी एहतियात बरते जा रहे हैं। ऐसे में मशीन खराब होने पर एक साहब भड़क गए।
मुरादाबाद (मोहन राव)। विकास के दफ्तर में आगंतुकों का तापमान नापने के लिए एक साहब के कार्यालय में रखी थर्मल स्क्रीनिंग मशीन खराब होने के बाद उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। दरअसल, मशीन तापमान गलत बता रही थी। एक-एक करके सभी कर्मचारी मशीन की सेटिंग करते रहे, लेकिन उसने काम करना शुरू नहीं किया। कोरोना से बचाव को लेकर हर कोई सतर्क है, ऐसे में मशीन खराब होने से साहब की नाराजगी भी जायज थी। दफ्तर के सामने ही रजिस्टर भी रखवाया गया है लेकिन, कई बार कर्मचारी आगुंतक का नाम और तापमान नोट करना ही भूल जा रहे हैं । यह अलग सिरदर्दी है। मशीन को ठीक करने के लिये साहब ने अपने विभाग के ही एक अन्य कर्मचारी को बुलाया, लेकिन उसे भी सफलता नहीं मिली। अंत में साहब मशीन को अपने साथ ले गए, ताकि ठीक कराकर ला सकें और दफ्तर को कोरोना से बचाया जा सके।
कुर्सी पर बैठने की होड़
सत्ताधारी दल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में इस समय कुर्सी पर बैठने को लेकर जैसे होड़ मची है। ताजा मामला जिला सदर के साथ रहने वाले निजी कर्मचारी को लेकर है। इनके आवास पर बैठकी तो खूब होती है लेकिन, कार्यकर्ताओं को खड़े रहकर ही जिला सदर की बातें सुननी पड़ती हैं। कार्यकर्ताओं में जिला सदर को लेकर नाराजगी कम है लेकिन उनका गुस्सा उस निजी कर्मचारी पर है जो कुर्सी पर बैठ जाता है तो उठने का नाम नहीं लेता है। अब तो कार्यकर्ता भी कहने लगे हैं, बूथ पर जब खड़ा होना पड़ेगा तब समझ में आ जाएगा। सत्ताधारी दल के जिला सदर का काफिला भी इस समय चर्चा में है। कार्यकर्ता दबी जुबान कह रहे हैं कि घर पर कुर्सी का अभाव है और भोकाल के नाम पर गाडिय़ों का काफिला। अब कार्यकर्ताओं की नाराजगी जिला सदर से कौन कहे, इसे लेकर भी असमंजस बना हुआ है।
सुपोषण दफ्तर में हलचल
बच्चों को कुपोषण से बचाकर उनको सुपोषित करने वाले दफ्तर में भी कोरोना की हलचल है। विकास के दफ्तर में सुपोषण की रिपोर्ट देने वाली ब्लाक स्तर की एक महिला में कोरोना संक्रमण होने की जानकारी मिलने के बाद से तो जैसे कार्यालय में हड़कंप मच गया हो। अब तो कर्मचारी डर-डर कर काम कर रहे हैं। उनके बीच कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं। दबी जुबान चर्चा है कि कोरोना काल में पोषाहार का वितरण करना भी खतरे से खाली नहीं है लेकिन, सरकार का आदेश है तो कर्मचारियों को घर-घर घूमना पड़ रहा है। अब काम तो करना ही है। पता नहीं कितने हाथों से होता हुआ यह हमारे पास आ रहा है। ऐसे में बाहर से आने वाले मजदूरों की सूची भी बना रहे हैं। इनको भी पोषाहार दिया जाना है। कर्मचारियों का कहना है कि यह काम तो और भी ज्यादा खतरे वाला है।
दो पदाधिकारियों के बीच बहस
सत्ताधारी दल में महानगर कार्यकारिणी के दो पदाधिकारियों में काफी अनबन चल रही है। एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे दी गई है। धमकी देने वाला मामला अब शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक पदाधिकारी हमेशा साथ रहते हैं तो दूसरे वाले भी कभी-कभार उनके साथ खड़े दिखाई दे जाते हैं। इसका कारण भी बड़ा ही अजीब सा है। दरअसल, लड़ाई की असली वजह नाम को लेकर है। पार्टी की ओर से कराए जा रहे मास्क और सैनिटाइजर वितरण के बाद एक पदाधिकारी तो ऐसे हैं जो खुद को चमकाने के लिये अपनी फोटो जरूर लेते हैं लेकिन, दूसरा कोई यह काम कर ले जाए तो बुरा लग जाता है। वह बौखला जाते हैं, फिर खुद को पुराना कार्यकर्ता बताकर नए पदाधिकारी से कहते हैं कि अभी बच्चे हो, ज्यादा उछलो मत। एक बार मिलो तो सही तब बताता हूं कहकर धमकी तक देते हैं। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के कार्य भी निराले हैं। टाउन पर महिला अस्पताल में संक्रमित मिलने पर पूरा क्षेत्र सील करा दिया गया। वहीं बुद्धि विहार क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद 250 मीटर के क्षेत्र को सीर करना तो दूर वहां रोकथाम के भी इंतजाम नहीं किए गए। केवल एक बांस लगाकर उस पर कोरोना संक्रमित क्षेत्र का बैनर लगाकार इतिश्री कर ली।