बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को दस साल कैद की सजा
अदालत ने बीस हजार का जुर्माना भी लगाया
मुरादाबाद : चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले युवक को अदालत ने दस साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
घटना 15 जून 2016 की है। उस दिन कांठ रेलवे स्टेशन के पास बच्ची खेल रही थी। शाम को करीब चार बजे कांठ थाना क्षेत्र के महमूदपुर गांव निवासी मनोज ने उसे बहाने से अपने पास बुलाया और कुछ दूरी पर स्थित एक मकान में ले गया। इस दौरान उसने वहां पर उसके साथ गलत हरकत की। सुनसान मकान से बच्ची की रोने की आवाज वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने सुनी तो वह देखने पहुंच गए। तभी मनोज बच्ची को छोड़कर भागने लगा, लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया। जीआरपी ने पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद कांठ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस के आरोप पत्र दाखिल करने के बाद इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। बुधवार को एडीजे अष्टम एमपी सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोषी मनोज को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि पीड़ित परिवार के सदस्यों को जुर्माने की धनराशि से 18 हजार रुपये दिए जाएंगे।
दुष्कर्म के मामले में आठ साल कैद की कैद
अदालत ने मूक बधिर महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में युवक को आठ साल की कैद की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। घटना के बाद से वह जेल में ही बंद है।
यह मामला आदमपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां पर रहने वाले किसान के साथ बिहार राज्य की मूक बधिर महिला की शादी हुई थी। 29 जुलाई, 14 की शाम लगभग पांच बजे विवाहिता जंगल से घर लौट रही थी। गांव के ही युवक बिट्टे ने उसे इशारे से अपने घर में बुला लिया था। उसने विवाहिता के साथ दुष्कर्म किया। बाद में मामला खुलकर सामने आया तो विवाहिता के पति की तहरीर पर पुलिस ने बिट्टे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम आनंद प्रकाश की अदालत में चल रहा था। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता संजीव चौधरी ने जोरदार पैरवी की। बुधवार को अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने बिट्टे को दोषी करार दिया। उसे आठ साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।