लॉकडाउन में भी गन्ना किसानों को दगा दे रहीं चीनी मिलें,किसानों को हो रही परेशानी Moradabad News
गन्ना किसानों का 269.56 करोड़ दबाए बैठी हैं जिले की चीनी मिलें। असमोली रजपुरा और मझावली तीनों पर 27.23 फीसद बकाया। समय से पैसा न मिलने से किसान परेशान।
सम्भल,जेएनएन। खेत में जीतोड़ मेहनत करके फसल की बुवाई, ङ्क्षसचाई, कटाई करने वाले किसान को सरकार के तमाम वादों और कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद बदहाली का शिकार होना पड़ता है, जिसमें उसकी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात हो या फिर फसल बेचने में बिचौलियों के द्वारा ठगे जाने की भूमिका, नगदी फसल से भी किसान को राहत नहीं है। गन्ना किसानों का जिले की तीनों चीनी मिलें 269.29 करोड़ रुपये दबाए बैठे हैं। भुगतान के मामले में मझावली की चीनी मिल अनुपातिक रूप से लगातार पिछड़ी हुई है तो अन्य चीनी मिलों ने लॉकडाउन में भी किसानों के जख्म पर मरहम नहीं लगाया है।गन्ना पढ़ाई के इस सत्र का 15 मई को समापन हो गया है। किसानों को भी उनके द्वारा बेचे गए गन्ने का भुगतान का इंतजार है। जिले में संचालित तीनों चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 269.29 करोड़ रुपये बकाया है। जिसमें सर्वाधिक बकाया असमोली चीनी पर 123 करोड़ रुपये है जबकि सबसे कम भुगतान मझावली चीनी मिल ने किया है, लेकिन यह भुगतान के मामले में सबसे पीछे है। असमोली के डीएसएम शुगर मिल ने इस बार 486 करोड़ का गन्ना खरीदा है जिसमें 362.56 करोड़ (74.60 फीसद) का भुगतान किया है, जिस पर किसानों का 123.48 करोड़ का बकाया है। रजपुरा के डीएसएम शुगर मिल ने इस सत्र में 414.34 करोड़ का गन्ना खरीदा है, जिसमें 320.38 करोड़ (77.32 फीसद) का भुगतान किया है, जिस पर किसानों का 93.96 करोड़ का बकाया है जबकि मझावली की वीनस शुगर मिल ने 89.46 करोड़ का गन्ना खरीदकर 41.55 फीसद अर्थात 37.34 करोड़ का भुगतान किया है, जिस पर अभी भी 58.44 फीसद अर्थात 52.11 करोड़ का बकाया है।
जिले की तीनों चीनी मिलों पर इस सत्र में लगभग 270 करोड़ का बकाया है। जिसके भुगतान के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। रजपुरा और असमोली चीनी मिलों के भुगतान का प्रतिशत कहीं ठीक है लेकिन मझावली का भुगतान खरीदे माल का आधा भी नहीं हो सका है।
- कुलदीप ङ्क्षसह, जिला गन्ना अधिकारी, सम्भल