पराली जलाने से रोकने के लिए गन्ना विभाग ने बनाई योजना, जाने क्या करेगा विभाग
प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए समाज के हर वर्ग को जिम्मेदारी निभानी है। विभाग के पास 44 गन्ना पर्यवेक्षक हैं। इसी तरह चीनी मिल रानी नांगल के पास 35 चीनी मिल स्योहारा के चार चीनी मिल बेलवाड़ा के पास 37 चीनी मिल अगवानपुर के पास सात पर्यवेक्षक हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। जिले में बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए गन्ना विकास ने अच्छी पहल की है। शुक्रवार से गन्ना विभाग समितियों की मदद से 171 गांव के किसानों को जागरूक करने के लिए सघन अभियान चलाएगा। डीसीओ ने इसकी जिम्मेदारी सभी चीनी मिलों के गन्ना पर्यवेक्षकों को दी है। अभियान के दौरान टीमें गांव-गांव में बैठक करके किसानों को पताई और पराली के जलाने से होने वाले नुकसान और फायदे बनाएंगे।
प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए समाज के हर वर्ग को जिम्मेदारी निभानी है। विभाग के पास 44 गन्ना पर्यवेक्षक हैं। इसी तरह चीनी मिल रानी नांगल के पास 35, चीनी मिल स्योहारा के चार, चीनी मिल बेलवाड़ा के पास 37, चीनी मिल अगवानपुर के पास सात, चीनी मिल बिलारी के पास 22, चीनी मिल असमोली के पास आठ, चीनी मिल मझावली के पास चार, चीनी मिल करीमगंज के पास भी आठ पर्यवेक्षक हैं। इसके अलावा चीनी मिल मिलक नारायणपुर के पास चार गन्ना पर्यवेक्षक हैं। यह पर्यवेक्षक एक-एक गांव में प्रधानों की मदद से किसानों की बैठक करके उन्हें पराली और पताई जलाने के नुकसान बनाएंगे। पराली और पताई न जलाने के फायदे भी सुनाएंगे। जिला गन्ना अधिकारी डॉ.अजयपाल सिंह ने बताया कि शुक्रवार से सभी गन्ना पर्यवेक्षक गांव-गांव जाकर किसानों को पराली और पताई न जलाने के लिए जागरूक करेंगे। इसके लिए सघन अभियान चलाया जाना है। किसानों को बताया जाएगा कि पताई न जलाने से खेती को कितना बड़ा लाभ मिलता है।