मुरादाबाद के इस कालेज की छात्राओं को स्नातक में दाखिला लेने में आ सकती है दिक्कत, जानिये क्या है वजह
Student face problem in getting admission in graduation श्री साईं कन्या इंटर कालेज की छात्राओं की समस्याएं अभी दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले 31 जलाई को परिणाम में गैर हाजिर दिखाने पर हंगामा जाम आत्महत्या का प्रयास करने की कोशिश की गई।
मुरादाबाद, जेएनएन। Student face problem in getting admission in graduation : श्री साईं कन्या इंटर कालेज की छात्राओं की समस्याएं अभी दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले 31 जलाई को परिणाम में गैर हाजिर दिखाने पर हंगामा, जाम, आत्महत्या का प्रयास करने की कोशिश की गई। अब प्रोन्नत करके 73 छात्राओं का परिणाम जारी कर दिया गया है। लेकिन, प्रोन्नत अंकतालिका पर विषय व कुल प्राप्तांक नहीं होने से स्नातक में प्रवेश की राह आसान नहीं है। कालेजों में अंकों के आधार पर मेरिट बनेगी। जिससे उनका बिना अंकों के मेरिट में आना मुश्किल है।पूछताछ के लिए हिंदू कालेज से लेकर केजीके कालेज तक के चक्कर छात्राएं लगा रही हैं। लेकिन, एक ही जवाब मिल रहा है कि मेरिट के आधार पर ही प्रवेश लिए जाएंगे। कालेजों में 14 और 15 अगस्त तक ही पंजीयन होने हैं, जिससे छात्राओं का मानसिक तनाव और बढ़ गया है।
दरअसल, श्री साईं कन्या इंटर कालेज की 73 छात्राओं को 31 जुलाई को घोषित परिणाम में गैर हाजिर दिखाया गया था। छात्राओं के हंगामे, जाम और घेराव के बाद उनको उप्र बोर्ड ने प्रोन्नत किया है। प्रोन्नत लिखी अंक तालिका पर अंक नहीं हैं। अब बिना अंकों के स्नातक में मेरिट कैसे बनेगी, इसको लेकर छात्राएं मानसिक रूप से तनाव में हैं। अभिभावक अंकित कुमार कहते हैं कि स्नातक में बिना मेरिट के दाखिला नहीं होगा। जिससे छात्राओं का भविष्य प्रोन्नत के बाद भी अंधकार में है। नेहा कहती हैं कि नवीं व 10वीं में उत्तीर्ण होने के अंक भी स्कूल द्वारा बोर्ड को नहीं भेजे गए थे।
यह अंक भेजे जाते तो भी प्रोन्नत की बजाए उत्तीर्ण होतीं। पिछले 13 दिन से छात्राओं का अपने भविष्य के प्रति आंदोलन जारी है।डीआइओएस अरुण कुमार दुबे ने बताया कि प्रोन्नत छात्राओं के प्रवेश के लिए संपर्क करके प्रवेश दिलाने का प्रयास किया जाएगा। प्रोन्नत से असंतुष्ट छात्राओं ने प्रार्थना पत्र सत्यापित कराने के बाद पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है। इस पर बोर्ड निर्णय लेगा। भौतिक रूप से भी परीक्षा देने का विकल्प है।