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यहां गायत्री मंत्र के साथ अंग्रेजी में कलमा पढ़ते हैं छात्र

अंकित गोस्वामी, (सम्भल) मुरादाबाद: बात चौंकाने और हैरत में डालने वाली है। अक्सर मदरसों में दीन की तालीम दिये जाने की बात सुनी है लेकिन यहां छात्र गायत्री मंत्र के साथ अंग्रेजी में कलमा पढ़ते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 09:21 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 09:21 AM (IST)
यहां गायत्री मंत्र के साथ अंग्रेजी में कलमा पढ़ते हैं छात्र
यहां गायत्री मंत्र के साथ अंग्रेजी में कलमा पढ़ते हैं छात्र

अंकित गोस्वामी, (सम्भल) मुरादाबाद: बात चौंकाने और हैरत में डालने वाली है। अक्सर मदरसों में दीनी तालीम दिए जाने का जिक्र सुना था, लेकिन यहां तो अजब ही मामला है। गायत्री मंत्र के साथ-साथ मदरसे में छात्र अंग्रेजी में कलमा पढ़ते हैं। नर्सरी से लेकर कक्षा पांचवी तक के सभी छात्र पहले अरबी उर्दू में और फिर अंग्रेजी में कलमा सुनाते हैं। इतना ही नहीं इस मदरसे में गरीब व अनाथ बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दी जाती है। ड्रेस और किताबें भी मदरसा कमेटी उपलब्ध कराती है। सुबह छात्र प्रार्थना के दौरान गायत्री मंत्र, कलमा व राष्ट्रगान गाते हैं। गोवंशीय पशुओं का कटान न करने की भी आवाज उठाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि यह मदरसा कहां है।

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हर भाषा का दिया जाता ज्ञान

जी हां, यह मदरसा सम्भल जिले के गांव मऊभूड़ में स्थित है। इसका नाम है मौलाना मुहम्मद अली जौहर मदरसा। इसमें छात्रों को हर विषय का ज्ञान दिया जाता है। उर्दू अरबी के अलावा बच्चे अंग्रेजी में कलमा पढ़कर सुनाते हैं। एक दो नहीं बल्कि सभी छह कलमे बच्चों को पूरी तरह से याद हैं। अंग्रेजी में कलमा पढ़ने का उद्देश्य यह है कि मदरसे के बच्चे विद्वान बने। उनको हर भाषा का ज्ञान हो और वह कुरान शरीफ को दुनिया के सभी भाषाओं के बोलने वाले लोगों को अंग्रेजी सहित उनकी भाषा में प्रमुखता से समझा सकें। इससे कुरान शरीफ की विशेषता का लोगों को भी ज्ञान हो सके। इसके साथ ही मदरसे में गरीब व अनाथ बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दी जा रही है। नर्सरी से लेकर कक्षा पांचवी तक का हर बच्चा सामान्य ज्ञान के प्रश्नों का महज तीन से पांच सेकेंड में उत्तर दे देता है।

ये बोले छात्र

मैं मदरसे में रोज पढ़ने के लिए आती हूं। मुझे अरबी, उर्दू और अंग्रेजी में छह कलमे याद हैं। महज पांच मिनट में उन्हें सुना देती हूं। गायत्री मंत्र भी हम बच्चे बोलते हैं। हमें मदरसे में हर भाषा का ज्ञान मिल रहा है।

असरा खान, छात्रा

दो साल से मैं मदरसे में तालीम लेने के लिए आ रहा हूं। अंग्रेजी में कलमा पढ़ना यहां आकर मुझे सीखने को मिला है। मदरसे में राष्ट्रभक्ति के लिए भी हमें प्रेरित किया जाता है।

मुहम्मद असद

ये कहना है संचालक व शिक्षकों का

मेरे मदरसे का हर बच्चा उर्दू, अरबी व अंग्रेजी में कलमा पढ़ता है। कोई गरीब शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए उन्हें मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। हम चाहते हैं कि मदरसे का हर बच्चा राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़े।

- फिरोज खान, मदरसा संचालक मैं मदरसे में ¨हदी व अंग्रेजी पढ़ाती हूं। गायत्री मंत्र के साथ ही वह कलमा भी पढ़ते हैं। गरीब बच्चों को हम निश्शुल्क शिक्षा दे रहे हैं।

वैशाली शर्मा, शिक्षिका


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