मुरादाबाद-चन्दौसी रेलवे मार्ग का विद्युतीकरण लटका, कोटद्वार व ऋषिकेश का सीआरएस करेंगे निरीक्षण
मुरादाबाद। रेलवे अधिकारियों के ढुलमुल रवैये से मुरादाबाद-चन्दौसी रेल मार्ग का विद्युतीकरण लटक गया है।
मुरादाबाद। रेलवे अधिकारियों के ढुलमुल रवैये से मुरादाबाद-चन्दौसी रेल मार्ग का विद्युतीकरण लटक गया है। उधर, कोटद्वार व ऋषिकेश का शीघ्र सीआरएस निरीक्षण प्रस्तावित है।
रेलवे मंत्रालय का इन दिनों रेल मार्ग के विद्युतीकरण पर जोर है। मुरादाबाद रेल मंडल के मुख्य रेल मागरें पर विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है और इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। पिछले माह गजरौला से बिजनौर होकर मुअज्जमपुर तक विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने निरीक्षण करने के बाद इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ी व ट्रेन चलाने की स्वीकृति भी दे चुके हैं। इसके बाद भारतीय रेल विद्युतीकरण संगठन (आरइ) को मुरादाबाद से चन्दौसी के बीच विद्युतीकरण का काम 15 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। 28 मार्च तक सीआरएस के निरीक्षण का समय तय है। अब 31 मार्च से इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन व मालगाड़ी चलाए जाने का लक्ष्य है। आरई के अधिकारियों की धीमी चाल से काम पूरा नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि यह काम जून तक पूरा हो पाएगा। काम लेट होने से चन्दौसी से बरेली और चन्दौसी से अलीगढ़ मार्ग पर विद्युतीकरण का काम अप्रैल से शुरू नहीं हो पाएगा।
उधर, आरइ अधिकारियों ने कमी छिपाने के लिए दो छोटे मागरें नजीबाबाद से कोटद्वार तक 14 किमी और रायवाला से ऋषिकेश तक 12 किमी तक विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है। साथ ही निरीक्षण के लिए सीआरएस को पत्र भेजा है। माना जा रहा है कि सीआरएस दोनों रेल मार्ग का 31 मार्च के पहले निरीक्षण कर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की स्वीकृति दे देगा।
मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि मुरादाबाद-चन्दौसी विद्युतीकरण का काम थोड़ा लेट हो गया है। कोटद्वार और ऋषिकेश रेल मार्ग का विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है और निरीक्षण के लिए पत्र भेजा है, उम्मीद है कि शीघ्र सीआरएस निरीक्षण करेंगे।