धैर्य और इच्छाशक्ति के धनी थे एसपी क्राइम राहुल कुमार, मुरादाबाद के कांठ बवाल में संभाला था मोर्चा
एटा के एसपी क्राइम राहुल कुमार की अकाल मौत ने पूरे सूबे में पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया है। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा की हंसमुख स्वभाव के पुलिस अधिकारी को क्रूर कोरोना वायरस ने निगल लिया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। एटा के एसपी क्राइम राहुल कुमार की अकाल मौत ने पूरे सूबे में पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया है। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा की हंसमुख स्वभाव के पुलिस अधिकारी को क्रूर कोरोना वायरस ने निगल लिया है। एडिशनल एसपी की अकाल मौत से मुरादाबाद में भी पुलिस महकमा स्तब्ध है।
बात जून 2014 की है। भाजपा नेताओं ने मुरादाबाद के कांठ कस्बे में हिंदू महापंचायत आयोजित की। शासन व प्रशासन ने हिंदू महापंचायत की अनुमति नहीं दी। इधर भाजपा नेता व कार्यकर्ता महापंचायत करने पर आमादा थे। तय तिथि के तहत भाजपा कार्यकर्ता कांठ में एकत्र हुए। भाजपा नेता सुरेश राणा व स्योहारा के तत्कालीन विधायक लोकेंद्र चौहान की मौजूदगी से कार्यकर्ता अति उत्साहित हो गए। उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अफसरों पर पथराव शुरू कर दिया। तब सुरक्षा की कमान कांठ के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी राहुल कुमार के कंधे पर थी। तत्कालीन डीएम चंद्रकांत की आंख पत्थर लगने से जख्मी हो गई थी। भाजपा कार्यकर्ता थाने में आ घुसे। इस दौरान भी सीओ ने धैर्य का साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने नेताओं से थाने में विज्ञप्ति ली। धैर्य के दम पर हालात और बिगड़ने से उन्होंने रोक लिया। कांठ के पुराने तहसील भवन में उन्होंने पत्नी के प्रस्ताव पर दिव्यांग छात्रों के लिए स्कूल खुलवाया। वहां महीनों तक छात्र निशुल्क पढ़ते रहे।