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स्मार्ट चश्मा बनेगा बेटियों का सुरक्षा 'कवच' Moradabad News

दसवीं कक्षा के छात्र अंश दुबे का स्मार्ट चश्मा बेटियों की लाज बचाएगा। यह चश्मा नर्वस सिस्टम पर काम करता है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 08:06 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 08:06 AM (IST)
स्मार्ट चश्मा बनेगा बेटियों का सुरक्षा 'कवच' Moradabad News
स्मार्ट चश्मा बनेगा बेटियों का सुरक्षा 'कवच' Moradabad News

 मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव)।जवाहर नवोदय विद्यालय के दसवीं कक्षा के छात्र अंश दुबे का स्मार्ट चश्मा बेटियों की लाज बचाएगा। यह चश्मा नर्वस सिस्टम पर काम करता है। रक्त चाप बढऩे या घटने की स्थिति में यह चश्मा कंट्रोल रूम व आपके सगे संबंधियों तक सूचना और आपकी लोकेशन पहुंचा देगा।

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मुरादाबाद के रहने वाले अंश जवाहर नवोदय विद्यालय ठाकुरद्वारा के दसवीं के छात्र हैं लेकिन, उनकी खोज को हर कोई सलाम करता है। हैदराबाद में डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना ने अंश को सोचने मजबूर कर दिया। आकस्मिक स्थिति में परिवार तक सूचना या पुलिस को संदेश पहुंचाने की सोच ने स्मार्ट चश्मे में बदली। स्मार्ट चश्मा बेटियों का सुरक्षा कवच बनेगा।

स्मार्ट वॉच से मिला आइडिया

अंश दुबे को स्मार्ट चश्मा बनाने का आइडिया स्मार्ट वॉच से मिला। उसका कहना है कि स्मार्ट वॉच में व्यक्ति का ब्लड प्रेशर, हार्ट बीट बताने के लिए सेंसर का इस्तेमाल होता है। वहीं से आइडिया लेकर स्मार्ट चश्मा बनाने की सोची।

ऐसे काम करेगा स्मार्ट चश्मा

चश्मे में सेंसर लगाया गया है, जो पल्स रेट को काउंट करता रहेगा। किसी भी दुर्घटना या फिर मुसीबत के समय यह सेंसर आपके पल्स रेट को काउंट करेगा। डॉ. प्रदीप अग्रवाल बताते हैं कि डर के समय हमारे शरीर में कई तरह के हॉर्मोन रिलीज होते हैं। चश्मा हमारी बॉडी से टच होता है। इसलिए वह इनके माध्यम से संदेश आसानी से भेज सकता है।

जीपीएस सिस्टम से भेजता है संदेश

अंश का चश्मा नर्वस सिस्टम के अलावा जीपीएस सिस्टम भी जुड़ा है। अगर पल्स रेट औसत से कम या ज्यादा है तो चश्मा एक्टिव होकर अपनी लोकेशन फीड किए गए नंबरों पुलिस, एंबुलेंस और परिवार को लोगों तक भेज देगा। इसके लिए इस चश्मे में सिम का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें नंबरों को सेव किया जा सके। यह चश्मा ग्लोबल सिस्टम मॉनीटरिंग के जरिए पुलिस, एंबुलेंस को सूचना भेजने का काम करेगा। फिलहाल चश्मे को तैयार कर दिया है लेकिन, इसके इस्तेमाल के लिए वे अब नैनो टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं।

इंस्पायर अवार्ड के लिए चयनित

अंश इस साल दसवीं के बोर्ड एग्जाम में बैठेंगे लेकिन, उनके वैज्ञानिक तरीकों ने उन्हें बाल वैज्ञानिक का टैग तो दे ही दिया है। हाल-फिलहाल में केंद्र सरकार की इंस्पायर अवार्ड योजना में उन्हें राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया था। 


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