दुर्गा पूजा के आखिरी दिन बंगाली समाज के लोगों में छाया उल्लास, सिंदूर उत्सव शुरू
दुर्गा पूजा के आखिरी दिन बंगाली समाज के लोगों में उल्लास छाया रहा। आखिरी दिन पुष्पांजलि के दौरान फूलों से मां की आराधना की गई। मनोकामना मंदिर में कलश समें कलश स्थापना के कारण मूर्ति विसर्जन तो नहीं हुआ लेकिन दुर्गा मूर्ति विसर्जन की परंपरा को पूरा किया।
मुरादाबाद, जेएनएन। दुर्गा पूजा के आखिरी दिन बंगाली समाज के लोगों में उल्लास छाया रहा। आखिरी दिन पुष्पांजलि के दौरान फूलों से मां की आराधना की गई। मनोकामना मंदिर में कलश समें कलश स्थापना के कारण मूर्ति विसर्जन तो नहीं हुआ लेकिन, दुर्गा मूर्ति विसर्जन की परंपरा को पूरा किया। तत्पश्चात सिंदूर उत्सव शुरू हो गया। इस मौके पर देवाशीष भट्टाचार्य, असीत बनर्जी, सजल गुप्ता समेत अन्य मौजूद रहे।
कालीबाड़ी मंदिर, कांशीराम नगर में में दुर्गा मां की पूजा गौरी शंकर भट्टाचार्य कराई। फूलों से मां का आह्वान किया गया। प्रसाद चढ़ाया और भंडारा किया गया। तत्पश्चात, विसर्जन यात्रा निकालने की शुरूआत की गई। मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन यात्रा रामगंगा नदी के लिए दोपहर 12 बजे निकलेगी। अध्यक्ष एके मित्रा ने बताया कि इस बार विसर्जन यात्रा में पिछले साल की भांति भीड़ नहीं रहेगी। परंपरा न टूटे इसको लेकर समिति के लोगों ने विसर्जन यात्रा में हिस्सा लिया। सर्वोदय विकास समिति की ओर से मझोला से विसर्जन यात्रा निकाली गई। महिलाओं ने एक दूसरे के सिंदूर लगाया। हर बार तरह भीड़ नहीं थी लेकिन, उत्साह मां की विदाई के दौरान नजर आया। समिति के महासचिव डॉ.पीके विश्वास ने बताया कि विसर्जन यात्रा रामगंगा चट्टापुल के लए रवाना हुई।