आजम खां प्रकरण में आखिरकार रामपुर के पुलिस अधीक्षक पर गिर गई गाज Rampur News
इसी साल जनवरी में अजयपाल शर्मा की जगह संतोष कुमार मिश्रा को रामपुर भेजा गया थी। हालांकि अब उनका तबादला कर दिया गया है।
रामपुर, जेएनएन। एसपी संतोष कुमार मिश्रा के रहते हुए आजम खां पर दर्ज मुकदमों में पुलिस ठीक से पैरवी नहीं कर रही थी। ऐसा क्यों हो रहा इसको लेकर आजम खां के जेल जाने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं चल रही थी। ऐसे मेेंं कई पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरने की चर्चाएं थी जो सच साबित हुई। लंबे समय से कवायद चल रही थी। एसपी संतोष मिश्रा यहां से हटाने की अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थी।
पुलिस की लापरवाही से आठ मामलों में आजम की जमानत हो गई थी। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इसकी शिकायत शासन से की थी। शासन ने भाजपा नेता की शिकायत का संज्ञान लेते हुए उनका स्थानांतरण प्रयागराज पुलिस मुख्यालय में पुलिस अधीक्षक पद पर कर दिया। नए एसपी शगुन गौतम पुलिस मुख्यालय से आ रहे हैं। इससे पहले वह रामपुर में ट्रेनी आईपीएस के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। नए एसएसपी शगुन गौतम के आने से पहले ही सारी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार शगुन गौतम जल्द ही अपना पद ग्रहण करेंगे।
इसी साल रामपुर भेजे गए थे संतोष मिश्रा
इसी साल जनवरी में अजयपाल शर्मा की जगह संतोष कुमार मिश्रा को रामपुर भेजा गया थी। हालांकि अब उनका तबादला कर दिया गया है। शगुन गौतम इससे पूर्व बतौर पुलिस अधीक्षक प्रयागराज पुलिस मुख्यालय में कार्यरत थे।
कई अन्य फेरबदल भी हुए
संतोष कुमार मिश्रा के अलावा पुलिस अधीक्षक संबद्ध,मुख्यालय पुलिस महानिदेशक मनोज कुमार सोनकर को प्रादेशिक आम्र्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी),छठी बटालियन का सेनानायक नियुक्त किया गया है। पुलिस अधीक्षक एटीसी सीतापुर सूर्यकांत त्रिपाठी का तबादला पीएसी मेरठ,44वीं बटालियन के सेनानायक पद पर कर दिया गया है।
यह है पूरी कहानी, जिसे दैनिक जागरण ने किया था प्रकाशित
मुस्लेमीन, रामपुर: पुलिस की लापरवाही से आठ मुकदमों में सांसद आजम खां की जमानत मंजूर हो गई। अब इसे लेकर मुख्यमंत्री से भी शिकायत हो गई है। इससे पुलिस वालों में हड़कंप मचा है। कई पुलिस अफसरों पर गाज भी गिर सकती है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद आजम खां इन दिनों पत्नी और बेटे समेत जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 68 मुकदमें विचाराधीन हैं। उन्होने 26 फरवरी को अदालत में आत्म समर्पण कर दिया था। उस दिन 17 मामलों में आत्मसमर्पण की अर्जी लगाने के साथ ही जमानत के प्रार्थना पत्र भी लगाए। अदालत नें पांच मालमों में उसी दिन जमानत मंजूर कर ली थी। अन्य मामलों में अगली तारीख लगा दी। अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सुनवाई के लिए दो मार्च की तारीख लगाते हुए जेल भेज दिया था। इस मामले में आजम खां, उनकी पत्नी शहर विधायक डा. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी आरोपित हैं और जेल में बंद हैं।
कई पुलिस अफसरों पर गिर सकती है गाज
अदालत ने अन्य मामलों में पुलिस से आख्या मांगी थी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट नहीं दी। इस कारण पुलिस की लापरवाही से आठ मामलों में आजम खां की जमानत 27 फरवरी को मंजूर हो गई। पुलिस की इस लापरवाही की शिकायत हो गई है। भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से शिकायत कर दी है। आकाश का कहना है कि मुख्यमंत्री ने लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। मीडिया में भी यह मामला प्रमुखता से उठा है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने भी पुलिस लापरवाही के संबंध में जिलाधिकारी को लिखा है। इसे लेकर पुलिस अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। अपने स्तर से जांच पड़ताल कर रहे हैं। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि उन्होने सभी विवेचना अधिकारियों को पत्र लिखा है। उनसे पूछा है कि ऐसा क्यों हुआ और आगे इस तरह की लापरवाही न बरती जाए। उन्होने पत्र की प्रति पुलिस अधीक्षक को भी भेजी है। लापरवाही बरतने वाले विवेचना अधिकारियों व थाना प्रभारियों पर गाज गिर सकती है।
इन मामलों में हुई थी जमानत
थाना शहजादनगर, भोट, बिलासपुर, शहर कोतवाली का भड़ाऊ भाषण व चुनाव आचांर संहिता से संबंधित एक-एक मुकदमा है, जबकि शाहबाद थाने के ऐसे ही दो मुकदमे हैं। इनके अलावा गंज थाने के दो मामले मारपीट व गाली गलौज के हैं। आचार संहिता के मामले पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुए थे।