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जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड की जमीन के मामलेे में आजम को झटका, अदालत ने खारिज की अपील

Setback to Rampur MP Azam Khan रामपुर की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड की जमीन के मामले में सांसद आजम खां को फिर झटका लगा है। सांसद आजम खां के जौहर ट्रस्ट की अपील (Revision Petition) को उपजिलाधिकारी की कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 09:38 PM (IST)Updated: Sat, 30 Oct 2021 03:35 PM (IST)
जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड की जमीन के मामलेे में आजम को झटका, अदालत ने खारिज की अपील
एसडीएम की कोर्ट ने तहसीलदार की अदालत के फैसले को सही माना है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Setback to Rampur MP Azam Khan :  रामपुर की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड की जमीन के मामले में सांसद आजम खां को फिर झटका लगा है। सांसद आजम खां के जौहर ट्रस्ट की अपील (Revision Petition) को उपजिलाधिकारी की कोर्ट ने खारिज कर दिया है। एसडीएम की कोर्ट ने तहसीलदार की अदालत के फैसले को सही माना है। इस मामले में पहले तहसीलदार की कोर्ट ने चकरोड की जमीन से कब्जा हटाने के आदेश दिए थे।

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इस पर जौहर ट्रस्ट ने राजस्व परिषद में याचिका दायर की थी। जिसे राजस्व परिषद ने खारिज कर दिया था। इसके बाद प्रशासन ने 17.5 बीघा जमीन का चिन्हीकरण कर उस पर कब्जा ले लिया था। बाद में इस पूरी जमीन को ग्राम समाज के खाते में दर्ज करते हुए आलियागंज के प्रधान की सुपुर्दगी में दे दिया था। चकरोड की जमीन पर मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कुलपति का आवास, साइंस फैकल्टी के निकट स्थित एक भवन और मेडिकल कालेज का कुछ हिस्सा भी बना है। प्रशासन ने तीन ओर से दीवारों को ध्वस्त कर किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने का रास्ता बना दिया था।

इस कार्रवाई के विरोध में जौहर ट्रस्ट ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2020 तक भवनों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी थी और तहसीलदार के आदेश के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में निगरानी दाखिल करने के आदेश दिए थे। इस पर जौहर ट्रस्ट ने एसडीएम कोर्ट में अपील (Revision Petition) दाखिल किया था। एसडीएम सदर मनीष मीणा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए जौहर ट्रस्ट की अपील को खारिज करते हुए तहसीलदार की कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी के अनुसार जौहर विश्वविद्यालय में नियम विरुद्ध चकरोड की जमीन को शामिल कर लिया गया था। ताजा अपील की सुनवाई में अदालत ने तहसीलदार की कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।


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