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नशा करने वालों के लिए मुरादाबाद जिला अस्पताल में होगी अलग व्यवस्था

समाजसेवा के नाम पर नशा मुक्ति केंद्र खोल कर कई संस्थाएं मोटी कमाई कर रही हैं। इलाज के नाम पर नशा मुक्ति केंद्रों के संचालकों ने लठैत बैठा रखे हैं। वह नशे के आदी लोगों को डरा धमकाकर काबू में रखते हैं। हंगामा करने पर पिटाई तक की जाती थी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 02:36 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 02:36 PM (IST)
नशा करने वालों के लिए मुरादाबाद जिला अस्पताल में होगी अलग व्यवस्था
शासन ने समाज कल्याण विभाग के जरिए हर जिले में नशा मुक्ति के लिए वार्ड बनाने की पहल की है।

मुरादाबाद, जेएनएन। जिला अस्पताल मुरादाबाद में नशा करने वालों के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। इनके लिए अलग वार्ड बनाया जाएगा। जिसमें 10 बेड होंगे। इस वार्ड में सिर्फ नशा करने वालों का ही इलाज किया जाएगा। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम मेंं मुरादाबाद के जिला अस्पताल में 10 बेड का अस्पताल खुलेगा, जिसमें डाक्टर सहित अन्य स्टाफ भी रहेंगे। डॉक्टर दवा देंगे और काउंसलर नशे के आदी लोगों को समझाकर नशा छुड़वाने की कोशिश करेंगे। नशा मुक्ति केंद्र खोले जाने के लिए समाज कल्याण विभाग को धनराशि भी शासन से मिल गई है। लेकिन, अकाउंट खुलने में देरी हो रही है। जिला अस्पताल के नोडल अफसर और समाज कल्याण विभाग अधिकारी का संयुक्त बैंक अकाउंट खुलने के बाद नशा मुक्ति केंद्र शुरू होगा।

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समाजसेवा के नाम पर नशा मुक्ति केंद्र खोल कर कई संस्थाएं मोटी कमाई कर रही हैं। इलाज के नाम पर नशा मुक्ति केंद्रों के संचालकों ने लठैत बैठा रखे हैं। वह नशे के आदी लोगों को डरा धमकाकर काबू में रखते हैं। हंगामा करने पर नशा करने वालों की पिटाई के साथ इंजेक्शन भी दे दिया जाता था। शासन ने समाज कल्याण विभाग के जरिए हर जिले में नशा मुक्ति के लिए दस बेड का वार्ड बनाने के लिए पहल की है। जिला अस्पताल में कुपोषित बच्चों के भर्ती करने के लिए बने वार्ड को शिफ्ट करके नशा मुक्ति केंद्र के लिए दे दिया गया है। वहां दस बेड पहले से ही पड़े हैं। इसके अलावा अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र खोले जाने के लिए धनराशि मिल गई है। जिला अस्पताल की तरफ से डॉ. वीर सिंह को नोडल अधिकारी बनाया गया है। संयुक्त रूप से खाता खुलने के बाद धनराशि का इस्तेमाल होना शुरू हो जाएगा। इसके बाद नशा करने वाले लोगों को भर्ती करने के लिए काम शुरू होगा।

मुफ्त में होगा इलाज

एसीएमओ डॉ. जीएस मर्तोलिया ने बताया कि जिला अस्पताल में बने नशा मुक्ति केंद्र में नशा करने वालों का मुफ्त में इलाज होगा। जिला अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. वीर सिंह और समाज कल्याण अधिकारी को डॉक्टर और काउंसलरों की भर्ती करनी है। यही स्टाफ नशा करने वालों का इलाज करेंगे। नशा करने वालों को समझाया जाएगा। इसके बाद भी नशा करने वाले नहीं मानते हैं तो उन्हें दवा और इंजेक्शन देकर भी इलाज होगा। उम्मीद है कि इसी महीने वार्ड में इलाज की व्यवस्था शुरू हो जाएगी।


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