मुरादाबाद के टीएमयू में सेमिनार, शिक्षाविद बोले-नई शिक्षा नीति से बदलेगी सोच
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के एफओईसीएस की ओर से आयोजित दो दिनी एजुकेशन कॉन्क्लेव-2021 में शिक्षाविदों ने विचार रखे। समापन सत्र में एस्टीम्ड मेंबर ऑफ टीएमयू सोसाइटी अक्षत जैन नेे कहा कि नई शिक्षा नीति न केवल क्रिएटिव बनाएगी बल्किन नई सोच भी विकसित करेगी।
मुरादाबाद, जेएनएन। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के एफओईसीएस की ओर से आयोजित दो दिनी एजुकेशन कॉन्क्लेव-2021 में शिक्षाविदों ने विचार रखे। समापन सत्र में एस्टीम्ड मेंबर ऑफ टीएमयू सोसाइटी अक्षत जैन नेे कहा कि नई शिक्षा नीति न केवल क्रिएटिव बनाएगी बल्किन नई सोच भी विकसित करेगी।
आउटकम बेस्ड एजुकेशन के संग-संग लर्निंग के तीन महत्वपूर्ण स्किल्स- कॉग्निटिव -संज्ञानात्मक, अफेक्टिव- भावनात्मक और साइकोमोटर- मनःप्रेरक पर प्रकाश डालते हुए बोले, इसके क्रियान्वयन को जाने-माने मनोवैज्ञानिक बेंजामिन ब्लूम की टैक्सोनोमी को आत्मसात करने की दरकार है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी ओबीई समेत कॉग्निटिव, अफेक्टिव और साइकोमोटर स्किल्स के प्रति ईमानदारी से समर्पित है। एनईपी को लागू करने के लिए टीचर्स और स्टूूडेंट्स के अलावा नॉन-टीचिंग और मैनेजमेंट की भी अहम भूमिका है। वह तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी और ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग साइंसेज- एफओईसीएस की ओर से एलटी-2 में आयोजित दो दिनी एजुकेशन कॉन्क्लेव - 2021 के समापन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व चीफ गेस्ट अक्षत जैन, एफओईसीएस के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, विल्सोनिया स्कॉलर्स होम की प्रधानाचार्या श्वेतांगना संतराम, पारकर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नेथन, स्प्रिंगफील्डस कॉलेज की प्रधानाचार्या स्वाति, व्हाइट हाल कॉलेज, रामपुर की मिस कृतिका मौजूद रहीं। कॉन्क्लेव में आमंत्रित शिक्षाविदों को शॉल, स्मृति चिन्ह और बुके देकर स्वागत किया गया। वेलिडैक्टरी सेशन में एफओईसीएस के निदेशक एवं कॉन्क्लेव जनरल चेयर प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने आभार जताया।
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