करोड़ों के घपले में फंसे सचिव खुद को बचाने के लिए लगा रहे जोर, डोंगल जमा होने से थमी विकास की रफ्तार
Scam of administrators in Moradabad 55 गांवों में हुई जांच में फंसे 48 सचिवों और छह एडीओ (पंचायत) के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है। लेकिन फिलहाल साक्ष्य से बहाने कार्रवाई रुक गई है। गबन करने वाले सचिवों से रिकवरी की तैयारी हो रही है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Scam of administrators in Moradabad : सचिवों के डाेंगल जमा होने के बाद तीन दिन से किसी ग्राम पंचायत के खाते से धनराशि नहीं निकाली गई है। इससे देहात के विकास की रफ्तार थम गई है। सचिवों का कहना है कि ग्राम पंचायतों की धनराशि खर्च तभी होगी, जब उन्हें प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। पांच अक्टूबर को ग्राम पंचायतों पर में तैनात 120 सचिवों ने अपने डोंगल जमा कर दिए थे। इसके बाद से ग्राम पंचायत का विकास रुका हुआ है। ग्राम प्रधानों में भी इसे लेकर आक्रोश है।
ग्राम विकास अधिकारी संगठन के नेता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जिले के सभी सचिवों को प्रदेश के अन्य जनपदों में किस प्रकार शासकीय धनराशि का आहरण हो रहा है, टेंडर और कोटेशन की प्रक्रिया क्या है, इसकी जानकारी करानी आवश्यक है। बिना प्रशिक्षण प्रदान कराएं धन राशि आहरण करना संभव नहीं है। यही वजह है कि गुरुवार को तीसरे दिन भी मुरादाबाद में किसी भी विकासखंड में धनराशि का आहरण नहीं हुआ है। मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि डीपीआरओ के माध्यम से उन्हें सचिवों के डोंगल जमा करने की जानकारी मिली है। यह सब ठीक नहीं है। काम तो सभी को करना होगा। प्रधानों के साथ सचिवों का भी प्रशिक्षण कराने के लिए कहा गया है। इसलिए ब्लाकों में सचिव प्रधानों के साथ प्रशिक्षण लेकर काम करें।
एडीओ और सचिवों पर कार्रवाई को लटकी तलवार : 55 गांवों में हुई जांच में फंसे 48 सचिवों और छह एडीओ (पंचायत) के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है। लेकिन, फिलहाल साक्ष्य से बहाने कार्रवाई रुक गई है। गबन करने वाले सचिवों से रिकवरी की तैयारी हो रही है। कुंदरकी और मूंढापांडे विकास खंड में करोड़ों का गोलमाल करने वाले सचिव खुद को बचाने के लिए नेताओं के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। कुंदरकी की रतनपुर कलां गांव में सबसे बड़ा घपला होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा लालपुर हमीर, हुसैनपुर, नानपुर, बसेरा, गदीपुर, बाकीपुर जटनी, असदपुर गांव में भी ब़ड़ा घपला पकड़ में आया है। इसके अलावा लालपुर गंगवारी, फत्तेहपुर खास, मलकपुर गांव में भी प्रशासकों के कार्यकाल में लाखों रुपये के घपले की संभावना है। लेकिन, इन गांवों की जांच ही नहीं हुई है। मूंढापांडे के देवापुर मुस्तकम, खड़कपुर बाजे, धतुरा मेघा नगला गांव में पंचायत भवन बना ही नहीं है। प्रशासकों ने मनमानी करके दूसरी मदों में भुगतान कर दिया।