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स्कूल बंद होने के बाद आनलाइन क्लास में जानें कम बच्चें क्यों हो रहे उपस्थित, क्या है इसकी वजह

School Closed in Moradabad कोरोना संक्रमण के केस बढ़ने से स्कूलों में आफ लाइन कक्षाएं बंद हो चुकी हैं और आनलाइन जारी हैं। मगरआन लाइन कक्षाओं में भी इन दिनों बच्चे बहुत कम उपस्थित हो रहे हैं। आनलाइन क्लास में आधे से भी कम बच्चे उपस्थित हो रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 03:40 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 03:40 PM (IST)
स्कूल बंद होने के बाद आनलाइन क्लास में जानें कम बच्चें क्यों हो रहे उपस्थित, क्या है इसकी वजह
छोटे बच्चों की आनलाइन क्लास दिलाने अभिभावकों को साथ बैठने पड़ता है

मुरादाबाद, जेएनएन। School Closed in Moradabad : कोरोना संक्रमण के केस बढ़ने से स्कूलों में आफ लाइन कक्षाएं बंद हो चुकी हैं और आनलाइन जारी हैं। मगर,आन लाइन कक्षाओं में भी इन दिनों बच्चे बहुत कम उपस्थित हो रहे हैं। आनलाइन क्लास में आधे से भी कम बच्चे उपस्थित हो रहे हैं। इसकी वजह ठंड से अधिकांश घरों में खांसी,बुखार, कोल्ड डायरिया जैसी समस्या से अभिभावक व बच्चे भी प्रभावित हैं।

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सुबह नौ बजे से आनलाइन कक्षाएं संचालित होने लगती हैं। छोटे बच्चों को तो अभिभावकों को साथ लेकर आनलाइन क्लास दिलानी पड़ती है। लेकिन, सीनियर बच्चे स्वयं कक्षाएं ले सकते हैं। कक्षा नवीं से 12वीं तक के बच्चे भी आनलाइन क्लास बहुत कम ले रहे हैं। इन दिनों आनलाइन क्लास में रिवीजन से लेकर छूटे हुए चेप्टर व प्राब्लम शिक्षक दूर करा रहे हैं।

आनलाइन क्लास में वीडियाे आन करके नदारद होने की समस्याः कुछ सीनियर बच्चे मोबाइल, टैबलेट और लैपटाप आन करके वीडियो व वाइस आफ करके छोड़ देते हैं लेकिन, क्लास नहीं लेते। जिससे शिक्षक अब अभिभावकों को फोन करके भी बता रहे हैं। इसमें कुछ अभिभावक बीमार होने का भी कारण बता रहे हैं। बताते हैं कि सीनियर की अपेक्षा कक्षा एक से आठवीं तक की आनलाइन क्लास में सीनियर से ज्यादा उपस्थिति रहती है। सीबीएसई, आइसीएसई, उप्र बोर्ड की परीक्षाएं अप्रैल में होनी हैं और प्रयोगात्मक परीक्षाएं फरवरी से होंगी।

पीएमएस के प्रधानाचार्य मैथ्यूज पी एलनचेरिल ने बताया कि सीनियर कक्षाओं में बच्चे खुद आनलाइन क्लास ले सकते हैं। लेकिन, इन कक्षाओं में उपस्थिति छुट्टी के दिनों में आधी भी कम है जबकि जूनियर में इनसे अधिक रहती है।आरआरके स्कूल की प्रधानाचार्या वंदना छाबड़ा का कहना है कि आनलाइन क्लास लेना अब बच्चों की आदत में शामिल हो चुका है। अगर, किसी कारणवश कक्षाएं नहीं ले पाते हैं तो साथी या ग्रुप पर दिए शिक्षण कार्य को करना चाहिए।

अभिभावक अंकिता सक्सेना का कहना है कि मेरी राय में छोटे बच्चों की आनलाइन कक्षाएं जब तक मौसम साफ नहीं होता बंद रखनी चाहिए। कारण, छोटे बच्चे व अभिभावक खांसी, जुकाम और बुखार से प्रभावित हैं। मनीष बेरी ने बताया कि आनलाइन कक्षाएं जारी रहनी चाहिए। जो अभिभावक व बच्चे खांसी, जुकाम व बुखार से प्रभावित हैं, उनको वाट्सएप ग्रुप से दिए गए होमवर्क को करना चाहिए। क्षितिज शर्मा का कहना है कि अब कोरोना की वजह से ज्यादा बच्चों का नुकसान नहीं होना चाहिए। आफलाइन क्लास बंद होने से आनलाइन जारी रखना अच्छा विकल्प है। इसमें अभिभावकों को गंभीर रहना होगा।


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