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मुरादाबाद के मदरसे में छात्रवृत्ति घोटाला, शिक्षक के नाम से निकाल ली गई छात्रवृत्ति, अंग्रेजी माध्यम से इंटर करने वाले छात्र भी छात्रवृत्ति लिस्ट में

Moradabad Madarsa Scholarship Scam अल्पसंख्यक विभाग पर कई बार छात्रवृत्ति में घोटालेे के दाग लग चुके हैं। रामपुर के छात्रवृत्ति घोटाले में करोड़ों रुपये शैक्षिण संस्थाएं डकार गई। अब डिलारी के मिर्जापुर गांव के मदरसा एमएस फालहे मिल्लत में छात्रवृत्ति गड़बड़झाला करने का मामला सामने आया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 08:51 AM (IST)
मुरादाबाद के मदरसे में छात्रवृत्ति घोटाला, शिक्षक के नाम से निकाल ली गई छात्रवृत्ति, अंग्रेजी माध्यम से इंटर करने वाले छात्र भी छात्रवृत्ति लिस्ट में
डीएम के आदेश पर जांच करने पहुंचे वक्फ इंस्पेक्टर खानापूरी करके लौटे।

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Madarsa Scholarship Scam : अल्पसंख्यक विभाग पर कई बार छात्रवृत्ति में घोटालेे के दाग लग चुके हैं। रामपुर के छात्रवृत्ति घोटाले में करोड़ों रुपये शैक्षिण संस्थाएं डकार गई। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। अब डिलारी के मिर्जापुर गांव के मदरसा एमएस फालहे मिल्लत में छात्रवृत्ति गड़बड़झाला करने का मामला सामने आया है। यहां प्रधानाध्यापक और शिक्षक के नाम से ही छात्रवृत्ति निकाल ली गई। शिकायत मिलने पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने जांच के लिए कहा तो वक्फ इंस्पेक्टर मदरसे पहुंच गए। लेकिन, जांच के नाम पर वह खानापूरी करके ही लौट आए। इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर डिलारी के मिर्जापुर गांव स्थित मदरसा एमएस फालहे मिल्लत की आठवीं तक मान्यता है। क्षेत्र के ही बहेड़ी ब्रह्मनान गांव निवासी हामिद हुसैन ने डीएम शिकायत करके बताया कि मदरसे के प्रधानाध्यापक सलाउद्दीन खां ने वर्ष 2011 में इंटरमीडिएट की परीक्षा यूपी बोर्ड से पास की है। उन्होंने वर्ष 2017 में खुद को मदरसे का आठवीं का छात्र दिखाकर अल्पसंख्यक विभाग से छात्रवृति ले ली। मदरसे में शिक्षण कार्य करने वाले मुहम्मद असलम के नाम से भी इसी वर्ष में छात्रवृति ली गई।

ऐसे 17 नाम शिकायत में दिए गए हैं। इनमें से कई युवक तो ऐसे हैं, जिन्होंने अंग्रेजी माध्यम से स्कूल से इंटरमीडिएट कई साल पहले कर लिया है। उन्होंने कभी मदरसे में पढ़ा ही नहीं। लेकिन, छात्रवृति उनके नाम से भी निकाल ली गई है। शिकायत में इसी तरह 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में भी छात्रवृति में घोटाला किए जाने के आरोप लगाए हैं। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। अल्पसंख्यक विभाग से वक्फ इंस्पेक्टर मोमिन हसन जांच के लिए गए थे। लेकिन, खानापूरी करके ही लौट आए।

प्रधानाध्यापक सलाउद्दीन खां ने बताया कि शिकायतकर्ता हमारे रिश्तेदार हैं। उनके परिवार का सदस्य मदरसे में आधुनिकीकरण योजना में कार्यरत था। अनुशासनहीनता के कारण टोका-टाकी करने से नाराज था, इसलिए शिकायत कर दी गई। जहां तक मेरे नाम से छात्रवृति निकाले जाने की बात है, उस समय में प्रधानाध्यापक नहीं था। वक्फ इंस्पेक्टर जांच करने के आए थे, उन्हें बताया कि गलती हुई है। लेकिन, अब हमारा शिकायतकर्ता से फैसला हो चुका है।

अल्पसंख्यक विभाग के वक्फ इंस्पेक्टर मोमिन हसन ने बताया कि मैं मदरसे में छात्रवृति में हेराफेरी किए जाने की शिकायत पुरानी है। जिलाधिकारी के निर्देश में जांच करने के लिए गया था। शिकायतकर्ता के परिवार के एक युवक के नाम से भी छात्रवृति निकाली है। इस मामले जांच कराने के लिए कमेटी बनाने की सिफारिश कर दी गई है।

मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि प्रधानाध्यापक और शिक्षक के नाम से छात्रवृति निकालने का प्रकरण गंभीर है। इस मामले में जिला स्तरीय अधिकारियों की कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे।


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