रिकवरी एजेंट पर एसबीआइ ने दर्ज कराया मुकदमा, ग्राहक से कार लेकर बैंक को नहीं किए वापस
नोटिस देने के बाद भी फर्म ने वाहनों के बारे में कोई जानकारी बैंक को नहीं दी। इसके बाद बैंक प्रबंधन की ओर से केस दर्ज कराया गया है। पुलिस लखनऊ की फर्म के खिलाफ केस दर्ज कर जांच कर रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। स्टेट बैंक के लिए रिकवरी एजेंट के रूप में काम करने वाली फर्म में कर्जदारों से तीन कार कब्जे में लेने के बाद बैंक को वापस नहीं दी। इस मामले में बैंक मुख्य प्रबंधक की तहरीर पर सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपित फर्म मैसर्स आशना एनफोर्समेंट सर्विस के प्रोप्राइटर सचिन गुप्ता के खिलाफ अमानत में खयानत का केस दर्ज किया है।
सिविल लाइंस थाना पुलिस ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रैसमैक शाखा के मुख्य प्रबंधक शदर मेहरोत्रा की तहरीर पर लखनऊ के डॉली बाग में स्थित फर्म मैसर्स आशना इनफोर्समेंट सर्विसेज के प्रोपराइटर सचिन गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दर्ज रिपोर्ट में एसबीआइ मुख्य प्रबंधक शरद मेहरोत्रा ने बताया कि मैसर्स आशना एनफोर्समेंट सर्विसेज उनके लिए रिजैल्यूशन एजेंट के रूप में काम करती है। बैंक के जो ऋण एनपीए हो जाते हैं उनसे रिकवरी व जब्ती का काम इस फर्म का है। मुख्य प्रबंधक के अनुसार फर्म ने आजादनगर निवासी कर्जदार फहद सरदार से एक हुंडई वर्ना कार, मुगलपुरा के लाकड़ी बालान निवासी कर्जदार नईम उज जफर से शेवरले कार और लालस्कूल मुगलपुरा निवासी मोहम्मद सलीम खान से एक शेवरले कार जब्त की थी। कंपनी ने उक्त तीनों वाहन कर्जदाताओं से लेने के बाद हड़प लिए। दिसंबर 2016 से ये वाहन अपने कब्जे में रख ली और बैंक को वापस नहीं की। इससे रिकवरी नहीं हो सकी। नोटिस देने के बाद भी फर्म ने वाहनों के बारे में कोई जानकारी बैंक को नहीं दी। इसी कारण यह केस दर्ज कराया है। एसएचओ सिविल लाइंस नवल मारवाह ने बताया कि तहरीर के आधार पर लखनऊ की फर्म के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।