सम्भल के सांसद डॉ.बर्क बोले-कमजोर हो रही मुल्क की बुनियाद, न बेटी महफूज न जान, मुसलमानों के साथ हो रही नाइंसाफी
Ayodhya Structure Demolition Case अयोध्या ढांचे पर सीबीआइ कोर्ट के फैसले के बाद सम्भल के सांसद डॉ.शफीकुर्रहमान बर्क ने बयान जारी किया। कहा कि इतनी बड़ी नाइंसाफी पर खुशी नहीें मनानी चाहिए बल्कि गम करना चाहिए। हमेशा मुस्लिमों के साथ नाइंसाफी हुई।
सम्भल, जेएनएन। दिल्ली से वापस आने के बाद सम्भल के सांसद डॉ.शफीकुर्रहमान बर्क ने शुकवार की शाम जारी बयान में कहा कि ढांचा गिराने वाले बरी कर दिए गए। यह कहां का इंसाफ है। ढांचा गिराने में जिन्होंने प्लानिंग कर यह ड्रामा रचा लेकिन कोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया। मुसलमान इस निर्णय पर आहत है। पहले भी मुसलमानों ने सब्र रखा था। आज भी सब्र रखेगा। अल्लाह ही अब फैसला करेगा। कोरोना वॉयरस इसका प्रमाण है। आज तक दुनिया में इसकी दवा नही बन सकी है।
सांसद ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 के 28 साल बाद 30 सितंबर 2020 को सीबीआइ कोर्ट ने फैसला सुनाया वह काबिले हैरत है और इंसाफ व हकीकत से कोसोंं दूर है। आज मुल्क का मुसलमान हैरत में और गमजदा है। खुल्लमखुल्ला इतनी बड़ी नाइंसाफी इस बात का सुुबूत है कि मुल्क की अदालतें आजाद नहीं हैं। वह मुल्क की ताकत से मुतासिर होकर काम कर रही हैं और अपने फर्ज को अदा नहीं कर पा रही हैं। मुल्क की बुनियाद कमजोर हो रही है और जुल्म, ज्यादती, अराजकता, नाइंसाफी बढ़ रही है। न किसी के बेटी की इज्जत महफूज है और न किसी का जान व माल। यदि दबाव नहीं होता तो फैसला सच्चाई की बुनियाद और इमानदारी पर आते। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी नाइंसाफी पर खुशी नहीें मनानी चाहिए बल्कि गम करना चाहिए। खुदा के खौफ से डरना चाहिए। जैसे यह शेर है - उजालों से जरा कह दो कि न इतराएं....,सहर के बाद अंधेरा जरूर होता है....।