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ग्रामीण क्षेत्र की योजना, शहर में खींच दी लाइन Moradabad News

बिजली विभाग में अवैध तरीके से बिजली लाइन खींचने का मामला सामने आया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 09:01 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 09:01 AM (IST)
ग्रामीण क्षेत्र की योजना, शहर में खींच दी लाइन Moradabad News
ग्रामीण क्षेत्र की योजना, शहर में खींच दी लाइन Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। बिजली विभाग में अवैध तरीके से बिजली लाइन खींचने का मामला सामने आया है। ग्रामीण क्षेत्र में पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत किए जा रहे इंफ्रा के कार्य के जरिए शहरी क्षेत्र की अवैध कॉलोनी में लाइन खींच दी गई। हैरत की बात यह है कि मामला सामने आने के बाद जब शहरी क्षेत्र के अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्र प्रथम के अधिशासी अभियंता और उपखंड अधिकारी के खिलाफ तहरीर दी तो ग्रामीण क्षेत्र के अधिशासी अभियंता ने संबंधित ठेकेदार के खिलाफ मैनाठेर थाने में तहरीर दी है।

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जानकारी के मुताबिक, गागन पुल पार ऊंचा कानी रोड पर पेपर मिल के बगल में एक अवैध कॉलोनी है। यह पूरा क्षेत्र नगरीय विद्युत वितरण खंड प्रथम में आता है। अवैध कॉलोनी होने के चलते विभाग ने यहां लाइन नहीं खींची। जबकि यहां पीछे की ओर से मिलीभगत कर अवैध तरीके से बिजली लाइन खींच दी गई। मामले की जानकारी पर अधीक्षण अभियंता नगर दीपक कुमार और नगरीय विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता ललित चौहान ने ग्रामीण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता शैलेन्द्र गौतम और एसडीओ प्रदीप कुमार के खिलाफ मैनाठेर थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी। इधर, जब अधिशासी अभियंता शैलेन्द्र गौतम को इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पहले ही संबंधित ठेकेदार के खिलाफ मैनाठेर थाने में तहरीर दी जा चुकी है।

विभाग को 20 लाख की चपत

-अविकसित या अवैध कॉलोनियों में बिजली लाइन खींचने का नियम है। हाल में ही आए नियम के मुताबिक, अविकसित या अवैध कॉलोनियों में बिजली लाइन खींचने के लिए कॉलोनी में रह रहे लोगों को 35 रुपये वर्ग फिट के हिसाब से लाइन बनाने में आने वाली खर्च की धनराशि जमा करनी होती है, तब विभाग लाइन खींचता है। शर्त यह है कि संबंधित कॉलोनी में कम से कम 20 फीसद आबादी बस चुकी हो। ऐसे में इस कार्य से विभाग को करीब 20 लाख रुपये की चपत भी लगी है।

ग्रामीण क्षेत्र की योजना से शहर में काम कैसे?

यह घटनाक्रम अधिकारियों की मंशा पर कई सवाल खड़े कर रही है कि आखिर ग्रामीण क्षेत्र की योजना से शहरी में काम कैसे हुआ।

मामले की जानकारी जैसे ही हुई संबंधित ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए मैनाठेर थाने में तहरीर दे दी गई थी। शहरी क्षेत्र के अफसरों द्वारा मेरे ऊपर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।

- शैलेन्द्र गौतम, अधिशासी अभियंता, ग्रामीण विद्युत वितरण खंड, प्रथम

मुझे जो काम मिला था मैं वहीं काम कर रहा था। मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। मुझे मामले में जानबूझकर घसीटा जा रहा है।

- नीरज, ठेकेदार।


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