मुरादाबाद (प्राजुल श्रीवास्तव): उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों को छोड़ दिया जाए तो भी सिर्फ छह शहरों से ही 8306 मेगावॉट बिजली रूफटॉप सोलर सिस्टम के जरिए पैदा की जा सकती है। इससे तीन लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही 570 अरब रुपये का निवेश भी होगा। सेंटर फॉर एन्वॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। छह शहरों का हुआ सर्वे
प्रदेश के छह शहर लखनऊ, गोरखपुर, आगरा, मेरठ, इलाहाबाद और कानपुर में हुए सर्वे में स्पष्ट हुआ है कि सिर्फ 11 फीसद डेवलप एरिया ही रूफटॉप के लिए प्रयोग किया जाए तो 11 हजार चार सौ मेगावॉट बिजली पैदा हो सकती है। सीड के प्रोग्राम डॉयरेक्टर अभिषेक प्रताप के अनुसार प्रदेश सरकार को इसके लिए प्रस्ताव बनाकर दिया गया है। बताया गया है कि बिजली घाटे से बचने के लिए 2025 तक 1674 मेगावॉट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप की जरूरत होगी। जबकि सिर्फ छह शहरों में ही सोलर रूफटॉप के जरिये पाच साल में पावर कारपोरेशन 8306 मेगावॉट बिजली बचा सकता है। 14300 मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने 2022 तक 10700 मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। इसमें 4300 मेगावाट बिजली सोलर रूफटॉप सिस्टम के जरिए पैदा करने का लक्ष्य है। हालिया स्थिति को देखें तो रूफटॉप का काम बहुत ही निम्न चरण पर है। रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में माग बिजली के विपरीत रूफटॉप सिस्टम से 725 मेगावाट, कानपुर में 250, आगरा में 144, इलाहाबाद में 140, मेरठ में 335 और गोरखपुर में 80 मेगावाट बिजली वापस ग्रिड में भेजी जा सकती है। मिलेगी सब्सिडी
रूफटॉप सोलर सिस्टम के लिए प्रदेश सरकार और एमएनआइडी की ओर से सब्सिडी दी जाती है। एक किलोवॉट कनेक्शन पर 30 फीसद एमएनआइडी तो 15 हजार रुपये प्रदेश सरकार सब्सिडी देती है। ऐसे पैदा होंगे तीन लाख रोजगार
जानकारों की मानें तो एक मेगावॉट रूफटॉप सोलर सिस्टम की मैन्युफैक्चरिंग से लगाने और उसकी मेंटीनेंस के लिए 20 से 24 व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है। इसमें सबसे ज्यादा रोजगार मेंटीनेंस में पैदा होंगे। इस तरह 10700 मेगावॉट बिजली उत्पादन पर तीन लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रस्ताव बनाकर दिया गया है: प्रोग्राम डायरेक्टर
रूफटॉप सोलर सिस्टम के लिए सीड की ओर से प्रस्ताव बनाकर दिया गया है, प्रदेश सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है। इसे अगर मंजूरी मिलती है तो यह एक क्रांतिकारी कदम होगा।
-अभिषेक प्रताप, प्रोग्राम डायरेक्टर, सीड।
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