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Right to education act : साइबर कैफे संचालकों का खेल, मनचाहे स्‍कूल आवंटन के नाम पर कर रहे वसूली

Right to education act जुलाई में होने वाली लॉटरी में भी मनचाहा स्कूल दिलवाने का दावा कर अभिभावकों से रकम की वसूली की जा रही है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 12:30 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 12:30 PM (IST)
Right to education act : साइबर कैफे संचालकों का खेल, मनचाहे स्‍कूल आवंटन के नाम पर कर रहे वसूली
Right to education act : साइबर कैफे संचालकों का खेल, मनचाहे स्‍कूल आवंटन के नाम पर कर रहे वसूली

मुरादाबाद, जेएनएन। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत मनचाहे स्कूल के आवंटन के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जा रही है। यह वसूली साइबर कैफे संचालक व ग्राहक सेवा केंद्रों के माध्यम से हो रही है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास पहुंची है। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ऐसे साइबर कैफे संचालकों व ग्राहक सेवा केंद्रों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।

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शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कई अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए ग्राहक सेवा केंद्रों व साइबर कैफे से आवेदन किए थे। छह जून को इन आवेदनों का लॉटरी के तहत स्कूल आवंटन भी हो गया है। अब साइबर कैफे संचालक व ग्राहक सेवा केंद्र संचालक इन अभिभावकों से तीन से चार हजार रुपये वसूल रहे हैं। 

फार्म भरने की ले सकते हैं फीस

बीएसए ने बताया कि आरटीई के तहत आए आवेदनों का लॉटरी के माध्यम से पारदर्शी तरीके से स्कूल आवंटन किया गया है। इसलिए साइबर कैफे व ग्राहक सेवा केंद्र संचालक अभिभावकों से सिर्फ फार्म भरने की ही फीस ले सकते हैं। मानमाना काम करने वाले साइबर कैफे संचालकों की पहचान अभिभावकों की शिकायत के आधार पर की जा रही है।

कब-कब क्या हुआ

2710 प्रार्थना पत्र आनलाइन आए थे, 601 रिजेक्ट हुए, 1846 पहली लॉटरी में दाखिले मिले,  149 लोगों बीएसए कार्यालय में फार्म जमा किए, 145 छात्रों को ऑफ लाइन फार्म जमा करने पर मिला एडमिशन, 1991 कुल बच्चों को मिला दाखिला

अभिभावकों की शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी को जानकारी दी गई थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर ऐसे लोगों से चिह्नित किया जा रहा है।

योगेंद्र कुमार, बीएसए


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