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रोजी-रोटी का संकट बढ़ा तो लौटे घर, अब लॉकडाउन खुलने का इंतजार Moradabad News

कैसे हो बच्चों का भरण-पोषण खेती किसानी से भी नहीं मिल रही मदद। लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से चौपट हो गया हैप्रवासी मजदूरों को अब गांव में काम का इंतजार है।

By Ravi SinghEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 01:57 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 01:57 PM (IST)
रोजी-रोटी का संकट बढ़ा तो लौटे घर, अब लॉकडाउन खुलने का इंतजार  Moradabad News
रोजी-रोटी का संकट बढ़ा तो लौटे घर, अब लॉकडाउन खुलने का इंतजार Moradabad News

सम्भल,जेएनएन। कोरोना महामारी से बचाव को लागू लॉकडाउन में रोज-कमाने खाने वाले मजदूर परेशान हैं। रोजी-रोटी के जुगाड़ में जो लोग दूसरे प्रदेशों में गए थे, अब घर लौट आए हैं और रोजगार की बाट जोह रहे हैं। अकुशल मजदूर हों या कुशल के साथ अन्य श्रेणी के मजदूर सबकी स्थिति खराब है। गांव लौटे प्रवासी मजदूरों को अब लॉकडाउन खुलने का इंतजार है। गरीब, मजदूर व मध्यम वर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। सरकार मनरेगा के कामों में प्रवासी मजदूरों को जोडऩे की कवायद कर रही है, लेकिन बात बनती नहीं दिख रही है। मजदूरों के सामने परिवार के भरण पोषण का संकट उत्पन्न होते जा रहा है।

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जॉब कार्ड बनवाकर काम करके परिवार पाल रहे परिवार

सैंजना मुस्लिम के जसवंत सिंह बताते हैं कि वह दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। लॉकडाउन के बाद कंपनी ने काम बंद कर दिया, जिसके बाद गांव लौटे हैं। अब मनरेगा के अंतर्गत जॉब कार्ड बनवा कर काम करके परिवार पाल रहे हैं।

रोजगार की है तलाश

मकसूदनपुर के हरपाल सिंह का कहना है कि उनका पूरा परिवार दिल्ली में रहकर मेहनत मजदूरी करता था। बचपन से मैं भी वहीं पर रहा हूं। लॉकडाउन से पहले मैं दिल्ली में ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अब घर लौटे हैं तो रोजगार की तलाश है।

अब गांव में ही करेंगे खेती

मकसूदनपुर के ही वीरपाल ने कहा कि वह दिल्ली में रहकर सुबह से शाम तक कमाते थे। कभी ऑटो रिक्शा चला लिया तो कभी मजदूरी कर ली, कमाई इतनी नहीं थी। काम नहीं मिलता है तब तक गांव में ही थोड़ी खेती का काम देखेंगे।कुछ ऐसा ही कहना है ग्राम कल्हा के दिनेश कुमार का। वह बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले नोएडा और गाजियाबाद में ऑटो चलाता के। लॉकडाउन में वाहनों को बंद कर दिया गया, जिससे गांव लौटना पड़ा। अब काम की तलाश है।


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