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साइबर ठगों से रहें सावधान, ऑनलाइन एफडी के जरिए पल में ही बैंक खाते खाली कर रहे जालसाज

रामपुर के टांडा कस्बा में दुलीवाला मुहल्ले के रहने वाले अशोक कुमार सैनी के मोबाइल फोन पर अनभिज्ञ मोबाइल फोन नंबर से एक काल आई। वह ठग के झांसे में आ गए। कुछ ही देर में उनके खाते से रकम गायब हो गई।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 03:00 PM (IST)
साइबर ठगों से रहें सावधान, ऑनलाइन एफडी के जरिए पल में ही बैंक खाते खाली कर रहे जालसाज
रामपुर के युवक के खाते से निकाला 2,87,449 रुपये।

मुरादाबाद, जेएनएन। रामपुर के टांडा कस्बा में दुलीवाला मुहल्ले के रहने वाले अशोक कुमार सैनी के मोबाइल फोन पर अनभिज्ञ मोबाइल फोन नंबर से एक काल आई। काल करने वाले ने खुद को भारतीय स्टेट बैंक का कर्मचारी बताते हुुुए कहा कि अशोक कुमार सैनी के खाते से 1,40,000 रुपये की निकासी हो गई है। साइबर जालसाजों के फेंके जाल में फंस कर अशोक ने चंद मिनट के भीतर 2,87,449 रुपये गंवा दिए। अशोक की तहरीर पर मुरादाबाद की साइबर थाना टीम ने आइटी एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ अभियोग दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है। ठगी में बड़ी रकम गंवाने से अशोक हलकान है।

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अशोक के मुताबिक वह मध्यप्रदेश में खनन के क्षेत्र में मजदूरी करता है। होली पर घर आया था। 31 मार्च शाम साढ़े पांच बजे उसके मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर से काल आई। कालर ने खुद का नाम राहुल शर्मा बताया। कहा कि वह एसबीआइ ब्रांच से बोल रहा है। बताया कि अशोक के खाते से 1,40,000 रुपये की ठगी हो गई है। ठगी रोकने के लिए राहुल ने अशोक के मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा। ओटीपी का उपयोग करते ही अशोक के खाते से कुल 2,87,449 रुपये की निकासी कर ली गई। खाते में जमा कुल रकम 3,83,215 रुपये में से महज 95,766 रुपये ही शेष रह गए। पीड़ित ने ठगी की जानकारी पहले बैंक फिर पुलिस को दी। इसके बाद वह साइबर थाने पहुंचा। पीड़ित की तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।

साइबर ठगों का यह नया पैटर्न है। खाताधारक के दिमाग पर डबल ट्रैप की तरह काम करता है। पहले ट्रैप में ज्यादातर खाताधारक ओटीपी बता देते हैं। स्मार्ट ग्राहक पहले बैंक में काल करके पूछते हैं। तब पता चलता है कि रकम एफडी के लिए डेबिट हुई है। अमाउंट एक सा होने से उसे भरोसा हो जाता है कि साइबर जालसाज बैंक का ही कर्मचारी है और वह ओटीपी बता देते हैं। असली खेल ओटीपी बताने के बाद होता है। बीते कुछ दिनों ने ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में आई हैं। बैंक ग्राहकों को सावधान रहने की जरूरत है।

अमित कुमार आनंद, एसपी सिटी मुरादाबाद।

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