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खराब हो सकता है रामपुर का माहौल, उलेमाओं ने कही ये बड़ी बात, डीएम बोले साब‍ित करें

The case of breaking the tomb in the fort किले में मजार तोड़ने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उलेमाओं की चेतावनी के बाद जिलाधिकारी ने कहा अगर कोई साबित कर दे कि मजार था तो वह खुद खड़े होकर अपनी सैलरी से बनवा देंगे।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 06:10 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 06:10 AM (IST)
खराब हो सकता है रामपुर का माहौल, उलेमाओं ने कही ये बड़ी बात, डीएम बोले साब‍ित करें
रामपुर में उलेमाओं ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम।

रामपुर, जेएनएन।The case of breaking the tomb in the fort। किले में मजार तोड़ने का मामला गर्माता जा रहा है। उलेमाओं ने जामा मस्जिद में मीटिंग कर प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि तीन दिन के अंदर दोबारा मजार बनवा दिया जाए, वरना रामपुर का माहौल खराब हो सकता है और इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। दूसरी ओर जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि कोई साबित कर दे कि किले में जंजीर शाह मियां का मजार था तो वह खुद खड़े होकर अपनी सैलरी से दोबारा मजार बनवा देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि लोगों को भड़काने का काम न करें वरना कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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प्रशासन ने सोमवार को किले में रजा लाइब्रेरी के पास बने मजार को तुड़वा दिया था। हालांकि प्रशासन इसे मजार नहीं मान रहा है। इसे लेकर उलेमाओं ने जामा मस्जिद में मीटिंग बुलाई। शहर इमाम मुफ्ती महबूब अली की सदारत में हुई मीटिंग में तमाम उलेमाओं ने इसे अफसोसनाक और दिल दहलाने वाला वाकया बताया। कहा कि रामपुर में सदियों पुराना जंजीर शाह मियां का मजार प्रशासन के जरिए रात के अंधेरे में तोड़ दिया गया। इसे ध्वस्त करने में कुरआन के सिपारे की बेहुरमती की गई और कूड़े के साथ उसे कूड़ाघर में डाल दिया गया। इस घटना से शहर की अवाम में बेहद गम और गुस्सा है। इसलिए हमारी प्रशासन से अपील है कि जिस तरह मजार शरीफ था उसे उसी मुकाम पर दोबारा तामील करा दिया जाए। वरना अवाम के जोश और जज्बे को देखकर कोई कदम उठाना पड़ेगा। इन हालातों में अगर माहौल बिगड़ता है तो उसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी और हम प्रशासन का कोई सहयोग नहीं कर सकेंगे। इसलिए प्रशासन इस मसले पर फैसला करे। हम तीन दिन के अंदर फैसले का इंतजार करेंगे और इसके बाद पांच दिसंबर को फिर मीटिंग करेंगे। इसमें आगे की कार्रवाई को लेकर चर्चा की जाएगी। बैठक में हाफिज साहब की दरगाह के सज्जादानशीन फरहत मियां जमाली, जमीअत उलमा ए हिंद के जिलाध्यक्ष मौलाना असलम जावेद कासमी, आल इंडिया मुस्लिम फैडरेशन के प्रदेश महासचिव हाजी मोहम्मद जमीर रिजवी, शाहिद अली खां, रेहान खां, राहत जान खां आदि मौजूद रहे। दूसरी ओर जिलाधिकारी ने बताया कि हमने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के जरिए उलेमाओं को बुलावा भेजा था, लेकिन वे कलेक्ट्रेट नहीं आए। हमें जामा मस्जिद बुला रहे थे, लेकिन हम नहीं गए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे तत्वों की पहचान की जा रही है। किसी भी हालत में माहौल नहीं बिगड़ने दिया जाएगा। शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कुरआन के सिपारे की कोई बेहुरमती नहीं की गई है। उन्हाेंने कहा कि जो लोग मजार होने की बात कह रहे हैं वह सुबूत दें। अगर मजार होता तो वक्फ बोर्ड में दर्ज होता। कहीं तो कोई उल्लेख होता है। अगर कोई प्रमाण के साथ साबित कर दे कि यहां जंजीर शाह मियां का मजार था तो वह खुद इसे बनवा देंगे। उन्होंने कहा कि जंजीर शाह बाबा की कब्र बरेली गेट पर बताई जाती है।


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