हाईटेक हुई मुरादाबाद की रामलीला, संजीवनी बूटी लेकर उड़ते दिखेंगे हनुमान, पढ़ें कैसे उड़ेंगे हनुमान जी
Moradabadi Style Ramleela मुरादाबादी शैली की रामलीला इस बार और हाईटेक होगी। कोरोना काल में रामलीला कलाकार जब खाली थे तब उन्होंने रामलीला में अपनी परफार्मेंस को आकर्षक और रोमांचक बनाने के लिए तकनीकी का सहारा लिया।प्रसंग के भाव वही होंगे लेकिन उसको नए अंदाज में प्रस्तुत करेंगे।
मुरादाबाद, (तेजप्रकाश सैनी)। Moradabadi Style Ramleela : मुरादाबादी शैली की रामलीला इस बार और हाईटेक होगी। कोरोना काल में रामलीला कलाकार जब खाली थे, तब उन्होंने रामलीला में अपनी परफार्मेंस को आकर्षक और रोमांचक बनाने के लिए तकनीकी का सहारा लिया। प्रसंग के भाव वही होंगे लेकिन, उसको नए अंदाज में दर्शकों के सामने प्रस्तुत करके दिल जीतेंगे और अंत तक दर्शकों को अपने हाईटेक मंचन से जोड़े रखेंगे। मुरादाबाद मेेंं 30 सितंबर से शुरू हो रही लाइनपार की रामलीला के लिए कई अभिनव प्रयोग लाकडाउन के दौरान घर में खाली बैठे कलाकारों ने किए, जिसमें रामसिंह-कुंती कला संगम के कलाकारों को सफलता मिली।
संजीवनी बूटी लाने के लिए रामलीला में अबकी बार ड्रोन कैमरे से उड़कर द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर आने का अद्भुत मंचन होगा। पांच फीट के दस किग्रा वजन के हनुमान का पुतला बनाया जाएगा। जिसमें दो ड्रोन बांधे जाएंगे। एक हनुमानजी के पुतले के पैरों में और दूसरा ऊपरी धड़ में। इससे पहले इसका ट्रायल 23 सितंबर को होगा। लाइनपार रामलीला ग्राउंड के चारों ओर ड्रोन से हनुमान जी उड़ते नजर आएंगे जो एक आकर्षण का केंद्र होगा।
रावण का पुष्पक विमान व रथ भी हाईटेकः रावण जिस पुष्पक विमान से सीताहरण करेंगे, वह पुष्पक विमान भी स्वचालित होगा। बैटरी के माध्यम से इसको चलाया जाएगा। जिसमें रावण सीताहरण करके ले जाएगा। इस पुष्पक विमान को मंच के नीचे दर्शकों के बीच बने रास्ते में भी ले जाया जाएगा। यही नहीं मंच पर रावण का रथ सीधे पहुंचे, यह भी व्यवस्था की गई। इसमें भी बैटरी के माध्यम से इसको रथ का स्वरूप दिया गया।
पुष्पक विमान में इस्तेमाल तकनीकी सामान इस रथ में नहीं दिखाई देगा। बाहर से खूबसूरत दिखने वाले इस रथ को तैयार करने के लिए भी रामचित्र-कुंती कला संगम ने लाकडाउन में सोचा था। भगवान शिव का धनुष, केवट की नाव ही नहीं अबकी बार लाइनपार की रामलीला का मंच भी नए कलेवर में दिखेगा। कुंती कला संगम के निर्देशक राहुल कुमार ने बताया कि प्रभु श्रीराम की लीला का प्रसंग व भाव वही रहेगा। लेकिन, इसको हाईटेक बनाने के लिए नवाचार पर जोर दिया है। यह युक्ति लाकडाउन में सूझी। जब हम घर पर खाली बैठे थे, तब अपनी परफार्मेंस को और आकर्षक बनाने पर जोर दिया था। जिससे कोरोना काल के बाद नए कलेवर में प्रभु श्रीराम की लीला में कुछ नया दिखाई दे।