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Indian Railway : ट्रेनों को आग से बचाने के लिए रेलवे ने शुरू किया काम, कोच में धुआं निकलते ही बजने लगेंगे सायरन, कंट्रोल रूम को जाएगा एसएमएस

Indian Railway रेलवे प्रथम चरण में प्रचलित व वीआइपी मानी जाने वाली ट्रेनों के कोच में यह सिस्टम लगाएगा। मुरादाबाद रेल मंडल से गुजरने वाली लखनऊ मेल वीआइपी ट्रेन मानी जाती है इस ट्रेन के कोच में भी यह सिस्टम लगाया जाएगा।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 03:19 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 03:19 PM (IST)
Indian Railway : ट्रेनों को आग से बचाने के लिए रेलवे ने शुरू किया काम, कोच में धुआं निकलते ही बजने लगेंगे सायरन, कंट्रोल रूम को जाएगा एसएमएस
सूचना मिलते ही ट्रेन को रोक कर चिंगारी या धुआं नियंत्रण किया जाएगा।

मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया] : Indian Railway  : रेलगाड़ी को बनिर्ंग ट्रेन बनने से बचाने के लिए रेलवे ने नई तकनीक तैयार कर ली है। अब ट्रेन की बोगी में आग लगने से पहले ही सायरन बज उठेगा। यानी कोच से धआं उठते ही सायरन बजेगा और एसएमएस के जरिये सूचना कंट्रोल रूम को भी अपने आप पहुंच जाएगी। रेलवे ने देश भर के 209 कोचों में आधुनिक सिस्टम लगाने के लिए ढाई करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। मुरादाबाद मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों के कोच में भी यह सुविधा रहेगी।

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रेलवे ट्रेनों में अब पुराने कोच के स्थान पर एलएचबी टाइप के आधुनिक कोच लगा रहा है। कोच में यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कुछ नए कोच में तो यात्रियों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए आरओ तक लगाए गए हैं। नये कोच में आग बुझाने के लिए अग्निशामक यंत्र भी लगाए गए हैं। हालांकि आग की सूचना देने के लिए कोई उपकरण नहीं लगाया गया है। अब इस पर रेलवे ने विचार किया है और इसके लिए बजट आवंटित किया है । बजट मिलने के बाद रेलवे ने पिंक बुक जारी की है। जिसमें देश भर के 209 कोचों में आग व धुएं की जानकारी के लिए उपकरण लगाने की स्वीकृति दी है और ढाई करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया है। ट्रेन के कोच में शॉट सर्किट के कारण या जलती हुई बीड़ी सिगरेट फेंक देने या अन्य कारण से आग लगती है। आग लगाने के पहले धुआं निकलता है। इसकी समय से जानकारी मिलने पर आग लगने से पहले इसे बुझाया जा सकता है। आधुनिक उपकरण के जरिये चिंगारी निकलने या धुआं उठने पर सायरन बजना शुरू हो जाएगा, जिससे यात्री व ट्रेन के गार्ड को पता चल जाएगा कि किस कोच से चिंगारी या धुआं निकल रहा है। उपकरण इसकी सूचना एसएमएस द्वारा रेलवे कंट्रोल रूम के अधिकारियों को भेजेगा। सूचना मिलते ही ट्रेन को रोक कर चिंगारी या धुआं नियंत्रण किया जाएगा।

रेलवे प्रथम चरण में प्रचलित व वीआइपी मानी जाने वाली ट्रेनों के कोच में यह सिस्टम लगाएगा। मुरादाबाद रेल मंडल से गुजरने वाली लखनऊ मेल वीआइपी ट्रेन मानी जाती है, इस ट्रेन के कोच में भी यह सिस्टम लगाया जाएगा। रेलवे ने पहली अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच उपकरण लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि बजट में 209 कोच में आग व धुएं का पता लगाने वाली प्रणाली लगाने को बजट आवंटित किया गया है।


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