रेलवे बोर्ड के आदेश को नहीं मानते अधिकारी, एक साल बाद भी विश्रामगृह में नहीं उपलब्ध कराई गईं सुविधाएं
Railway News एक साल बीत जाने के बाद रेलवे अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड के आदेश का पालन करना जरूरी नहीं समझा। इसे गंभीरता से लेते हुए सभी प्रमुख वाणिज्य प्रबंधकों से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके बाद रेलवे अधिकारियों के बचाव के रास्ते तलाशने में जुट गए हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Railway News : एक साल बीत जाने के बाद देश भर के रेलवे अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड के आदेश का पालन करना जरूरी नहीं समझा। इसे गंभीरता से लेते हुए सभी प्रमुख वाणिज्य प्रबंधकों से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके बाद रेलवे अधिकारियों के बचाव के रास्ते तलाशने में जुट गए हैं।
लंबे समय से ट्रेन टिकट निरीक्षक (टीटीई) द्वारा मांग की जा रही थी कि ट्रेन चलाने वाले गार्ड व चालक के विश्रामगृह में आधुनिक सुविधा के साथ भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था कराई जाती है। जबकि ट्रेन में ड्यूटी करने वाले टीटीई को सामान्य विश्रामगृह उपलब्ध कराया जाता है, जहां एसी, कूलर, भोजन आदि की व्यवस्था नहीं होती है। ड्यूटी खत्म करने के छह से आठ घंटे बाद दूसरी ट्रेन लेकर लौटना होता है।
कई स्थानों पर खाना खाने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, रात में खाना नहीं मिलने पर भूखे भी सोना पड़ता है। ट्रेड यूनियन द्वारा रेलवे बोर्ड स्तर तक इस मुद्दे को उठाया गया। रेलवे बोर्ड 19 अप्रैल 2021 को देश के सभी प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों को आदेश दिया था कि गार्ड व चालक के विश्रामगृह के तरह टीटीई के विश्रामगृह में सुविधा उपलब्ध कराएं। एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी टीटीई के विश्रामगृह की सुविधाओं में विस्तार नहीं किया गया है।
रेलवे बोर्ड के अधिशासी निदेशक पैसेंजर मार्केटिंग नीरज शर्मा 11 मई को पत्र जारी किया है। इसमें कहा कि रेलवे बोर्ड के आदेश को देश में कहीं भी लागू नहीं किया गया है, जबकि वित्त निदेशक भी बजट उपलब्ध कराने का आदेश जारी कर चुके हैं। उन्होंने देश के सभी प्रमुख महाप्रबंधकों से स्पष्टीकरण मांगा है और टीटीई के विश्रामगृह चालक व गार्ड की तरह सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें।
बोर्ड के पत्र के बाद अधिकारियों ने खलबली मच गई है। नरमू के मंडल मंत्री राजेश चौबे ने बताया कि बोर्ड के आदेश को लागू नहीं करने के मामले को लेकर राष्ट्रीय महामंत्री ने मुद्दा उठाया था, जिससे बोर्ड ने गंभीरता से लिया है। इसके बाद अधिकारी सुविधा उपलब्ध कराने को सक्रिय हुए हैं।