दो साल से अधिक समय से निरस्त हैं 16 पैसेंजर ट्रेनें, कब से चलेंगी किसी को नहीं पता
Indian Railway News कोरोना संक्रमण के कारण 22 मार्च 2020 को सभी ट्रेनों को चलना बंद कर दिया था। एक जून 2020 से धीरे-धीरे कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों को चलना शुरू कर दिया था। वर्तमान में सभी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Indian Railway News : कोरोना संक्रमण के कारण 22 मार्च 2020 को सभी ट्रेनों को चलना बंद कर दिया था। एक जून 2020 से धीरे-धीरे कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों को चलना शुरू कर दिया था। वर्तमान में सभी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। कोरोना के समय ट्रेनों पर लगी पाबंदी तक हटा ली गई है। इसके बाद एसी कोच में बेड रोल मिलना शुरू हो गया है। एक्सप्रेस ट्रेनों में धीरे-धीरे जनरल टिकट से यात्रियों को सफर करने की अनुमित दी जा रही है। मास्क पहनने व सैनिटाइजर की बाध्यता खत्म कर दी गई है। लेकिन पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के मामले में रेल प्रशासन अभी कोरोना जैसी स्थिति ही मान रहा है।
कोरोना से पहले मुरादाबाद से 41 पैसेंजर ट्रेनें चलती थी, जिसका न्यूनतम किराया दस रुपये था। वर्तमान में 25 पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन के रूप में चलाया जा रहा है। जिसका न्यूनतम किराया तीस रुपये है। 16 पैसेंजर ट्रेनों को अभी तक नहीं चलाया गया है। इसके कारण आसपास गांव से शहर पढ़ने आने वाले छात्रों, दैनिक यात्रियों व गांव से शहर में मजदूरी करने आने वाले श्रमिकों को सबसे अधिक परेशानी होती है। जबकि समय समय पर बंद ट्रेनों की सूचना मंडल मुख्यालय द्वारा उत्तर रेलवे मुख्यालय भेजा जाता रहा है।
बंद पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की मांग दैनिक यात्रियों द्वारा समय समय पर किया जाता है। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि ट्रेनों को बंद करने व संचालन करने का फैसला मुख्यालय व रेलवे बोर्ड द्वारा लिया जाता है, इसलिए बंद पैसेंजर ट्रेनें कब से चलेंंगी इसकी जानकारी नहीं हैं।
सांसद ने लोकसभा में उठा चुके हैं मामलाः सांसद डा. एसटी हसन ने बंद पैसेंजर ट्रेन को चलाने के मामले को लेकर कई बार लोकसभा में उठा चुके हैं। सांसद ने कहा कि पैसेंजर ट्रेन नहीं चलने से सबसे अधिक छात्र, श्रमिक, छोटे कारोबारी परेशान है। बंद पैसेंजर ट्रेनों को कोरोना से पहले की तरह चलाने की मांग कर चुका है। इसके अलावा सांसद ने पिछले साल अगस्त में सांसदों की बैठक में उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल के सामने भी बंद पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की मांग कर चुके हैं, इसके बाद भी बंद पैसेंजर ट्रेनों को नहीं चलाया गया है।