Railway Encroachment : रेल यात्रियों के लिए मुसीबत हैं पटरी किनारे बसी झुग्गी बस्ती, आए दिन होती हैं आपराधिक घटनाएं
Railway Encroachment रेलवे लाइन के किनारे बसी झुग्गी और झोपडिया़ रेलवे ही नहीं रेल यात्रियों के लिए भी बड़ी समस्या है। यात्रियों से मोबाइल आदि लूट के बाद बदमाश यही संरक्षण ले लेते हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Railway Encroachment। मुरादाबाद में डबल फाटक के नीचे अनाधिकृत रूप से बसाई गई झुग्गी बस्ती ट्रेन यात्रियों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। अपराध की जड़ कही जाने वाली इस झुग्गी बस्ती को हटाने व रेलवे की जमीन को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराने की प्रतिबद्धता न तो रेल प्रशासन ने दिखाई और न ही पुलिस सामने आई। यही वजह है कि अवैध झुग्गी बस्ती अपराध का बड़ा अड्डा बनती जा रही है।
मुरादाबाद जंक्शन से होकर गुजरने वाली ट्रेनें आपराधिक घटनाओं की शिकार बनती रही हैं। ट्रेनों में आपराधिक घटनाएं अंजाम देने में उन लोगों की भूमिका अहम रही है, जो रेल पटरी के किनारे झुग्गी बस्ती में रहते हैं। झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चों तक को अपराध में झोंका जाता है। शहर में डबल फाटक के नीचे करीब डेढ़ सौ झुग्गी बस्ती वर्षों से आबाद है। इसमें रहने वाले अधिकांश लोगों की आजीविका के लिए अन्य काम के साथ अपराध भी करते हैं। विभिन्न आपराधिक घटनाओं में संलिप्तता के कारण जीआरपी व आरपीएफ ने यहां रहने वालों को अभियुक्त तक बनाया है। ट्रेनों में होने वाला अपराध यहीं तक सीमित नहीं है। आपराधिक घटनाएं अंजाम देने वाला मुरादाबाद का गिरोह दिल्ली एनसीआर तक सक्रिय है। इसके बाद भी अवैध बस्ती उजाड़ने की जहमत कोई मोल नहीं ले रहा। रेलवे किनारे झोपडि़यों में रहने वालों में कुछ बदमाश भी होते हैं। वे लूट के बाद काफी िदिनों तक इन्हीं झोपडि़यों में संरक्षण लिए रहते हैं, ऐसे में उन्हें पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।
क्या कहते हैं एसएसपी रेल
पटरी के किनोर झुग्गी बस्ती व वहां से संचालित होने वाले अपराध के बावत एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि जिला पुलिस रेलवे की मदद में हर वक्त तत्पर है। हालांकि, रेल प्रशासन की तरफ से अब तक झुग्गी बस्ती हटाने के लिए कोई सहयोग नहीं मांगा गया। रेलवे की तरफ से जब भी सहयोग की मांग होगी, तब मदद होगी। अतिक्रमण हटाने के लिए पर्याप्त फोर्स उपलब्ध कराई जाएगी।