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मुरादाबाद के गजरौला में दस अस्पतालों पर की छापेमारी, नहीं मिला एक का भी पंजीकरण, जानिए फिर क्या हुआ

निजी अस्पतालों में मरीजों से इलाज व ऑक्सीजन के नाम पर मोटी रकम ऐंठने का मामला उजागर करने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद भी टूट गई। विभाग की एक टीम ने शहर के दस निजी अस्पतालों पर छापेमारी की तो हलचल मच गई।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 07:42 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 07:42 PM (IST)
मुरादाबाद के गजरौला में दस अस्पतालों पर की छापेमारी, नहीं मिला एक का भी पंजीकरण, जानिए फिर क्या हुआ
मुरादाबाद के गजरौला में दस अस्पतालों पर की छापेमारी,

मुरादाबाद, जेएनएन। दैनिक जागरण द्वारा निजी अस्पतालों में मरीजों से इलाज व ऑक्सीजन के नाम पर मोटी रकम ऐंठने का मामला उजागर करने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद भी टूट गई। विभाग की एक टीम ने शहर के दस निजी अस्पतालों पर छापेमारी की तो हलचल मच गई। इस दौरान तीन अस्पतालों में मरीज भी भर्ती मिले। खास बात है कि टीम को मौके पर किसी भी अस्पताल के पंजीकरण के कागजात नहीं मिले। इस पर टीम द्वारा मौखिक चेतावनी देते हुए एक दिन के अंदर कागजात उपलब्ध कराने की बात कही गई।

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बता दें कि दैनिक जागरण द्वारा तीन दिन पूर्व मंडी धनौरा मार्ग पर कुमराला पुलिस चौकी के पास स्थित आयुष्मान नर्सिंग होम एवं ट्रामा सेंटर द्वारा 17 घंटे ऑक्सीजन के 60 हजार रुपये लेने की खबर पहले पेज पर प्रकाशित की थी। इसके बाद प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए। इसी क्रम में रविवार को एसीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के नेतृत्व में एक टीम औद्योगिक नगरी में पहुंची।

टीम ने मुहल्ला शुक्लपुरी स्थित यशलोक नर्सिंग पर छापा मारा। यहां पर कोई चिकित्सक नहीं था। युवक मरीज को भर्ती कर बोतल चढ़ा रहा था। एमएस नर्सिंग होम बंद मिला। मंगला अस्पताल में पहुंचे तो यहां पर तीन महिलाएं भर्ती मिली। जिनका प्रसव के लिए ऑपरेशन हुआ था। यहां पर भी न चिकित्सक मिला और न ही अस्पताल के कागजात। सुमन अस्पताल व साक्षी नर्सिंग होम पर भी कोई मरीज नहीं मिला। उसी की बराबर में सैम नर्सिंग होम बंद मिला।

आयुष्मान नर्सिंग होम एवं ट्रामा सेंटर पर भी कोई नहीं था। रेलवे ओवरब्रिज के नीचे सिटी अस्पताल पर भी नहीं मिला। यहीं स्थित भारत नर्सिंग होम पर पहुंचे तो टीम को चार मरीज भर्ती मिले। उनकी न तो कोविड की जांच हुई थी और न ही खून वगैरह की। बिना जांचों के ही बोतल चढ़ाकर इलाज चल रहा था। इससे साफ है कि निजी अस्पतालों में मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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टीम के डर से मरीजों को अस्पतालों में बंद कर फरार हुआ स्टाफ

गजरौला : स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छापेमारी करने की सूचना के बाद निजी अस्पतालों के स्टाफ में हलचल मच गई। आनन-फानन में कई अस्पतालों का स्टाफ मरीजों को अस्पताल में ही बंद कर बाहर से ताला लगाकर फरार हो गए। कई घंटे तक अस्पताल बंद रहने से उनके तीमारदार भी बाहर भटकते रहे। टीम के जाने के बाद अस्पताल फिर से खुल गए।

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भारत नर्सिंग होम में बोतल चढ़ाने के पांच हजार रुपये वसूले

गजरौला : रेलवे ओवरब्रिज के नीचे भारत नर्सिंग होम में छापेमारी के दौरान एसीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने वहां पर भर्ती गांव असाबरपुर निवासी मरीज शरीफ के तीमारदार से बातचीत करते हुए पैसों के बारे में पूछता तो बताया कि अभी एक बोतल लगी है। स्टाफ ने पांच हजार रुपये ले लिए हैं। कमाेवेश वहां पर भर्ती मरीजों से ऐसे ही पैसे वसूले गए हैं।

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आयुष्मान नर्सिंग होम एवं ट्रामा सेंटर पर पहुंचे तहसीलदार

गजरौला : मंडी धनौरा मार्ग पर कुमराला पुलिस चौकी के पास स्थित आयुष्मान नर्सिंग होम एवं ट्रामा सेंटर द्वारा 17 घंटे ऑक्सीजन के 60 हजार रुपये लेने के मामले में जांच करने के लिए एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार सदानंद सरोज भी पहुंचे थे। मगर, उन्हें वहां पर कोई नहीं मिला। एसडीएम मांगेराम चौहान ने बताया कि अस्पताल में नियमों की भी अनदेखी की गई है।

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गजरौला में दस निजी अस्पतालों पर छापेमारी की गई है। जिसमें तीन अस्पतालों में मरीजों का इलाज भी होता मिला है। छापेमारी के दौरान किसी भी अस्पताल पर पंजीकरण के कागजात नहीं मिले हैं। फिलहाल उन्हें मौखिक चेतावनी दी गई है। एक-दो दिन में कागजात नहीं मिलते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। छापेमारी के दौरान पुलिस भी साथ रही।

डॉ. हरिदत्त नेमी, एसीएमओ, अमरोहा।


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